कोलकाता: पश्चिम बंगाल में अप्रत्याशित जीत दर्ज कर तृणमूल कांग्रेस ने फिर से यहां सरकार का गठन किया है. इससे बंगाल के प्रति निवेशकों का विश्वास बढ़ा है. एक तरह से कहा जाये तो बंगाल के लिए स्वर्णिम काल है, लेकिन इस समय का सही रूप से सदुपयोग होना जरूरी है. अगर पश्चिम बंगाल सरकार […]
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में अप्रत्याशित जीत दर्ज कर तृणमूल कांग्रेस ने फिर से यहां सरकार का गठन किया है. इससे बंगाल के प्रति निवेशकों का विश्वास बढ़ा है. एक तरह से कहा जाये तो बंगाल के लिए स्वर्णिम काल है, लेकिन इस समय का सही रूप से सदुपयोग होना जरूरी है. अगर पश्चिम बंगाल सरकार अपनी नीतियों में थोड़ा-सा संशोधन करती है तो देश के अन्य राज्यों की तुलना में बंगाल में निवेश की संभावनाएं सबसे अधिक हैं.
उद्योग मंडल एसोचैम पश्चिम बंगाल को लेकर आशान्वित है. एसोचैम की ओर से पेश की गयी रिपोर्ट में कहा गया है कि ममता बनर्जी सरकार के दूसरे कार्यकाल में राज्य में एक करोड़ रोजगार के अवसराें के सृजन की क्षमता है और साथ ही यह 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने में सक्षम है.
एसोचैम के अध्यक्ष सुनील कानोड़िया ने कहा कि रोजगार और निवेश के आंकड़े पूर्व की सालाना 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी पर आधारित हैं. साथ ही 2010-11 के बाद से राज्य में कुल निवेश का वातावरण सुधरा है. उन्हाेंने कहा कि जमीन कोई मुद्दा नहीं है, क्याेंकि राज्य के पास पर्याप्त भूमि है. सरकार कारोबार की स्थिति सुगम करने, तेजी से मंजूरियों तथा निवेश आकर्षित करने की उचित नीतियाें पर ध्यान केंद्रित करेगी.
उन्हाेंने कहा कि यह बंगाल के लिए स्वर्णिम समय है, क्याेंकि एफडीआइ नीति को उदार किया गया है और कारोबारी विश्वास बढ़ा है. बंगाल विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) विशेष रूप से आइटी सेज पर समग्र तरीके से बढ़ सकता है. अगर आइटी क्षेत्र में सेज को मंजूरी मिलती है तो यहां निवेश की संख्या काफी बढ़ेगी.