यह जरूरी नहीं है कि नगरपालिकाओं की सारी जरूरतों को शहरी व नगरपालिका विकास विभाग ही पूरा करे. अपनी जरूरतों को खुद भी पूरा करना होगा. ये बातें श्री तिवारी ने विधानसभा में शहरी व नगरपालिका विकास विभाग के बजट पर हुई बहस में भाग लेते हुए कहीं. श्री तिवारी पहली बार विधानसभा में निर्वाचित हुए हैं तथा विधानसभा में उनका यह पहला वक्तव्य था. वक्तव्य के बाद वरिष्ठ विधायक तापस राय सहित कइयों ने उनके वक्तव्य के लिए उन्हें बधाई दी.
उन्होंने कहा कि श्री भट्टाचार्य ने अपने मंत्रित्वकाल में जो किया है. आज वही वह भोग रहे हैं. पूर्व सरकार के समय नगरपालिकाओं की जमीन प्राधिकरण को दे दी गयी और अब उस पर प्राधिकरण दखल जमाये बैठा है और जब नगर निगम उस ओर कदम बढ़ाता है, तो मामला अदालत में चला जाता है. उन्होंने कहा कि यदि पूर्व सरकार के समय की जमीन बंटन का हिसाब देखा जाये, तो कई चेहरे दिखाने लायक नहीं रहेंगे.
उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा : अभी ‘मन की बात’ और ‘दिल की बात’ चल रही है. माकपा विधायक तन्मय भट्टाचार्य ने ‘दिल की बात’ कही थी, लेकिन पार्टी के दबाब में उन्हें फिर ‘पार्टी की बात’ कहनी पड़ी, लेकिन श्री भट्टाचार्य न तो ‘मन की बात’ कह रहे हैं और न ही ‘दिल की बात’ ही कह रहे हैं, वरन वह ‘पार्टी की बात’ कह रहे हैं. उन्होंने कहा कि श्री भट्टाचार्य कहते हैं कि दिल्ली में जाकर केंद्रीय मंत्रियों से राज्य के लिए फरियाद करें, लेकिन जब मुख्यमंत्री दिल्ली जाती हैं, तो वह केंद्र से राज्य के ‘गुप्त’ रिश्ते की बात करने लगते हैं. उन्होंने कहा कि विरोधी क्या बोलते हैं. यह मायने नहीं रखता है. विधानसभा चुनाव में जनता ने अपनी राय दे दी है.