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साजिश के तहत बैंकों में दिखाया जा रहा घाटा
सरकारी बैंकों का निजीकरण करना चाहती है केंद्र सरकार ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन ने लगाये आरोप कोलकाता : केंद्र की एनडीए सरकार सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण कराना चाहती है, इसलिए साजिश के तहत बैंकों में घाटा दिखाया जा रहा है और फिर बैंकों की हालत खस्ता बताकर इसमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश […]
सरकारी बैंकों का निजीकरण करना चाहती है केंद्र सरकार
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन ने लगाये आरोप
कोलकाता : केंद्र की एनडीए सरकार सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण कराना चाहती है, इसलिए साजिश के तहत बैंकों में घाटा दिखाया जा रहा है और फिर बैंकों की हालत खस्ता बताकर इसमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) को बढ़ावा दिया जायेगा, लेकिन केंद्र सरकार अपने इस मनसूबे में कभी भी सफल नहीं हो पायेगी, क्योंकि इसके खिलाफ ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफडरेशन ने देशव्यापी आंदोलन करने का फैसला किया है.
शनिवार को महानगर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव हरविंदर सिंह ने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि जिन बैंकाें ने पिछले वर्ष तक हजारों करोड़ का मुनाफा कमाया था, अचानक उन्हें घाटा कैसे हो गया. यह सिर्फ एक साजिश है. उन्होंने कहा कि एनपीए वसूलने के लिए केंद्र सरकार कोई पॉलिसी नहीं बना रही है.
सिर्फ बैंकों पर दोषारोपण किया जा रहा है. विजय माल्या जैसे कई उद्योगपति देश में हैं, जिन्होंने बैंकों का हजारों करोड़ दबा कर रखा है. उनके खिलाफ बैंकों को कार्रवाई तक करने की अनुमति नहीं है. सबसे बड़ी विडंबना है कि बैंक उन लेनदारों का नाम भी सार्वजनिक नहीं कर सकते, क्योंकि नियम के अनुसार, उनका नाम गोपनीय रखने का निर्देश है.
जो लोग बैंक का कर्ज नहीं चुका रहे, उनका नाम बैंक नहीं ले सकते. श्री सिंह ने बैंकों के विलय के फैसले का भी विरोध किया. उन्होंने कहा कि इस विलय से जहां देश की आर्थिक व्यवस्था को नुकसान होगा वहीं बैंकों के विलय से शाखाओं और कर्मचारियों की संख्या भी कम होगी. उन्होंने कहा कि अपनी मांगों को लेकर जून महीने में कंफडरेशन का प्रतिनिधिमंडल देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेगा. इस मौके पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ऑफिसर्स एसोसिएशन (बंगाल सर्किल) के महासचिव सौम्य दत्ता, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफडरेशन के राज्य सचिव संजय दास सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.
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