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अपराजिता : बंगाल की जनता ने जोट को नकारा

पश्चिम बंगाल में तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने प्रचंड बहुमत से वापसी की है. विधानसभा चुनाव में जनता ने वाम मोरचा-कांग्रेस गंठबंधन को पूरी तरह से नकार दिया है. विधानसभा की कुल 294 सीटों में तृणमूल कांग्रेस ने 211 सीटों पर जीत हासिल की है. कांग्रेस 44, वाम मोरचा 32 और भाजपा को तीन सीटों […]

पश्चिम बंगाल में तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने प्रचंड बहुमत से वापसी की है. विधानसभा चुनाव में जनता ने वाम मोरचा-कांग्रेस गंठबंधन को पूरी तरह से नकार दिया है. विधानसभा की कुल 294 सीटों में तृणमूल कांग्रेस ने 211 सीटों पर जीत हासिल की है.
कांग्रेस 44, वाम मोरचा 32 और भाजपा को तीन सीटों से संतोष करना पड़ा है.
अन्य के खाते में चार सीटें गयी हैं. जनता का आभार जताते हुए मुख्यमंत्री ने आगामी 27 मई को अगली सरकार के शपथ ग्रहण की तिथि तय की है. पीएम मोदी ने ममता को जीत की बधाई दी है. उधर, तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक ने वापसी की है. असम के परिणाम ने ऐतिहासिक मोड़ देते हुए वहां भाजपा को सत्तासीन किया है. किसी पूर्वोत्तर राज्य में भाजपा ने पहली बार सत्ता हासिल की है. केरल में एलडीएफ को स्पष्ट बहुमत मिला है. दो राज्यों में सत्ता गंवाने वाली कांग्रेस को पुडुचेरी में राहत मिली है.
असम में पहली बार भाजपा, केरल में एलडीएफ को सत्ता
कोलकाता/नयी दिल्ली : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी का जादू मतदाताओं के सिर चढ़ कर बोला है. वह दो तिहाई बहुमत से दोबारा राज्य सत्ता की कमान संभालेंगी. तृणमूल कांग्रेस ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए वाम मोरचा व कांग्रेस गंठबंधन को करारी शिकस्त दी है. वहीं, भाजपा ने भी बंगाल में अपनी सीटों और मत प्रतिशत में इजाफा किया.
विधानसभा की 294 सीटों में तृणमूल कांग्रेस को 211, वाम मोरचा को 32, कांग्रेस को 44 और भाजपा को तीन सीटें मिली हैं. चार सीटें अन्य के खाते में गयी हैं. तृणमूल कांग्रेस अकेले चुनाव में उतरी थी, जबकि वाम मोरचा और कांग्रेस में गंठबंधन (जोट) था. वाम मोरचा चेयरमैन विमान बसु ने इस गंठबंधन को ‘बोझा-पोड़ा’ करार दिया था, पर मतदाताओं ने इस बोझा-पोड़ा को पूरी तरह से खारिज कर दिया है.
27 को शपथ ग्रहण करेंगी ममता : तृणमूल सुप्रीमो शुक्रवार 27 मई को शपथ ग्रहण करेंगी. वह लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री का पद संभालेंगी. आज शुक्रवार को कालीघाट स्थित अपने निवास पर पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक करेंगी. इस बैठक में उन्हें औपचारिक रूप से पार्टी विधायक दल का नेता चुना जायेगा. मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने इस जीत के लिए मां-माटी-मानुष को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि लाेगों के इस भारी समर्थन से उन पर दायित्व और भी बढ़ गया है. राज्य को विकास के रास्ते पर लेने जाना ही उनका लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि अगले 10 दिनों तक सांस्कृतिक उत्सव आयोिजत किये जायेंगे.
मोदी ने किया फोन, नीतीश व लालू की सराहना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुश्री बनर्जी को फोन कर विधानसभा चुनाव में जीत पर बधाई दी. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और रेल मत्री सुरेश प्रभु ने भी ममता को फोन कर बधाई दी. सुश्री बनर्जी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व राजद प्रमुख लालू प्रसाद की सराहना की और कहा कि नीतीश व लालू प्रसाद के साथ उनके अच्छे रिश्ते हैं. वह नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में पटना भी गयी थीं.
नारद स्टिंग व सारधा मुद्दे का चुनाव परिणाम पर असर नहीं: चुनाव प्रचार के दौरान विपक्ष ने नारद न्यूज स्टिंग ऑपरेशन व सारधा घोटाले का मुद्दा उठाया था, लेकिन चुनाव परिणाम में इसका कोई असर नहीं दिखा. लगता है आम लोगों ने विकास को सामने रख कर मतदान किया. सुश्री बनर्जी ने साफ कहा कि बंगाल में कोई भ्रष्टाचार नहीं है. जनता ने मां, माटी, मानुष की सरकार को विकास के मुद्दे पर वोट दिया है.
कांग्रेस का वाम मोरचा से बेहतर प्रदर्शन: विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने वाम दलों के मुकाबले में बेहतर प्रदर्शन किया है. उसे दो सीटों का फायदा हुआ है. 2011 के चुनाव में उसे 42 सीटें मिली थीं, तब उसका तृणमूल कांग्रेस के साथ गंठबंधन था. माकपा के खाते में 26 सीटें गयी हैं. भाकपा एक, फॉरवर्ड ब्लॉक दो और आरएसपी को तीन सीटों से संतोष करना पड़ा है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष चुनाव जीत गये हैं. उन्होंने खड़गपुर सदर सीट पर कांग्रेस के ज्ञान सिंह सोहनपाल को शिकस्त दी है.
गोरखा जनमुक्ति मोरचा को तीन सीटें मिली हैं. एक सीट निर्दलीय के खाते में गयी है. ममता ने अपने निर्वाचण क्षेत्र भवानीपुर से 25301 मतों के अंतर से जीत हासिल की. बंगाल में ममता बनर्जी का ‘ठंडा माथा कूल कूल, फिर आयेगा तृणमूल’ का नारा असर करता दिखा है.
ममता ने ग्रामीण इलाकों में सडक निर्माण, बिजली की अच्छी उपलब्धता, छात्राओं को साइकिल और दो रुपये में एक किलो चावल जैसे कार्यक्रमों को अपनी उपलब्धियों के तौर पर पेश किया. मौजूदा विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के पास 184 सीटें थीं. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पास 40 विधायक रहे. तृणमूल कांग्रेस के अन्य प्रमुख विजयी उम्मीदवारों में अमित मित्रा, पार्थ चटर्जी, सुब्रत चटर्जी, फिरहाद हाकिम, मलय घटक और मेयर शोभन चटर्जी शामिल हैं.
जनता का फैसला
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम में क्या है खास
पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी के विधानसभा चुनाव परिणाम चौंकाने वाले रहे. आने वाले समय में इनका राष्ट्रीय राजनीति पर साफ असर नजर आ सकता है. जानें इस चुनाव का क्या निष्कर्ष रहा.
तमिलनाडु में जे जयललिता तो पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने सत्ता बचायी. दोनों लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनेंगी.
तमिलनाडु में 27 साल बाद किसी दल ने लगातार दूसरी बार सरकार बनायी है.
असम में भाजपा की सरकार बनी है. उत्तर-पूर्व में पहली बार पार्टी ने दस्तक दी है.
असम में मुसलिम वोटरों ने भी भाजपा पर जताया भरोसा.
भाजपा ने पश्चिम बंगाल में तीन और केरल में एक सीट जीती है. पार्टी ने केरल में खाता खोला है.
कांग्रेस को हर राज्य में निराशा हाथ लगी. केवल पुडुचेरी में लाज बची.
कांग्रेस के हाथ से दो और राज्य असम, केरल फिसल गये
पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का वामदलों के साथ गंठबंधन नाकाम रहा.
केरल में वामदलों ने ही कांग्रेस से सत्ता छीन ली.
सभी राज्यों में विजयी दल को स्पष्ट बहुमत मिला.
हारने वाले प्रमुख उम्मीदवार
माकपा राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्रा, मंत्री मनीष गुप्ता, सावित्री मित्रा, कष्णेंदु नारायण चौधरी, चंद्रिमा भट्टाचार्य, पूर्व मंत्री मदन मित्रा, कांग्रेस नेता ज्ञानसिंह सोहनपाल, पूर्व सांसद दीपा दासमुंशी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रपौत्र चंद्र कुमार बोस, माकपा नेता रॉबिन देव, अबू नासेर खान चौधरी, रूपा गांगुली, लॉकेट चटर्जी, प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राहुल सिन्हा चुनाव हार गये हैं.

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