14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कठोर परिश्रम से ही छात्रों को मिलेगी सफलता : पारिख

बिरला हाइस्कूल के प्लेटिनम जुबली वर्ष का समापन समारोह कोलकाता : टेक्नोलॉजी के इस दौर में स्थिति तेजी से बदल रही है. टेक्नोलॉजी के कारण ही अब घर बैठे छात्र विश्व की जानकारियां चंद सेकेंड में हासिल कर सकते हैं. यूएस व चीन के बाद सबसे ज्यादा इंटरनेट उपयोग करनेवाला देश भारत ही है. फिर […]

बिरला हाइस्कूल के प्लेटिनम जुबली वर्ष का समापन समारोह
कोलकाता : टेक्नोलॉजी के इस दौर में स्थिति तेजी से बदल रही है. टेक्नोलॉजी के कारण ही अब घर बैठे छात्र विश्व की जानकारियां चंद सेकेंड में हासिल कर सकते हैं. यूएस व चीन के बाद सबसे ज्यादा इंटरनेट उपयोग करनेवाला देश भारत ही है. फिर भी भारत को हमेशा अच्छे प्रशासक, लीडर्स व ब्यूरोक्रेट्स की जरूरत पड़ती रहेगी. अच्छी शिक्षा व संस्कारों के माध्यम से छात्रों को इस रूप में तैयार किया जा सकता है. शिक्षा वही मूल्यवान है, जो छात्रों को जीवन के लिए तैयार करे.
उक्त बातें बिरला हाइस्कूल के प्लेटिनम जुबली वर्ष के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भारत की अग्रणी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड के चैयरमेन दीपक पारिख ने कहीं. विभिन्न भारतीय कॉर्पोरेट एंड एमएनसी के सलाहकार बोर्ड के सदस्य श्री पारिख ने कहा कि छात्र पढ़-लिख कर कितने भी आगे बढ़ जायें, लेकिन विनम्रता कभी भी न भूलें. जीवन-मूल्यों व ईमानदारी के साथ आगे बढ़ें. वे हमेशा यह भी याद रखें कि कामयाबी शॉर्टकट से नहीं मिलती है. कामयाबी के लिए कठोर परिश्रम करना पड़ता है
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि बिरला हाइस्कूल के छात्र जीवन के हर क्षेत्र में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते रहेंगे. वर्ष 2006 में पद्मभूषण से सम्मानित श्री पारिख ने कहा कि भारत में मध्यमवर्गीय परिवार तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. उनकी आय में इजाफा होने के साथ दोपहिया, चारपहिया वाहन व अच्छे आवास की मांग भी बढ़ रही है. भारत में 60 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है. कृषि, मैन्यूफैक्चरिंग, सर्विस सेक्टर में रोजगार बढ़ाने की जरूरत है. साथ ही न्याय प्रक्रिया व पुलिस व्यवस्था में भी संशोधन की आवश्यकता है. श्री पारिख पहले इंटरनेशनल व्यक्तित्व हैं, जिन्हें आइसीएइडब्ल्यू आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट अवॉर्ड मिला है.
कार्यक्रम में विद्या मंदिर सोसाइटी के चैयरमैन एसके बिरला ने कहा कि शुरू से शिक्षा के प्रति संस्था की गहरी रुचि रही है. स्कूल के संस्थापक एलएन बिरला ने महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर स्कूल की स्थापना 1941 में की.
उस समय महानगर का यह पहला स्कूल था, जहां भारतीय सांस्कृतिक, परंपरा व पाश्चात्य तकनीक के सम्मिश्रण के साथ अनुशासन रहता था. शिक्षा का यह बीज विस्तारित होकर आज एक वट वृक्ष बन गया है, जहां छात्रों को ग्लोबल एजुकेशन के साथ कई अन्य सुविधाएं दी जाती हैं. तमसो मा ज्योतिर्गमय के सिद्धांत के साथ स्कूल निरंतर छात्रों को नयी रोशनी के साथ आगे बढ़ा रहा है. 75 साल की लंबी यात्रा में स्कूल ने कई उत्कृष्ट शैक्षणिक उपलब्धियां हासिल की हैं. इन्फ्रास्ट्रक्चर, इंटरनेशनल एक्सचेंज प्रोग्राम व तकनीकी आधारित शिक्षा से छात्र पूरे विश्व में ऊंचाइयां छू रहे हैं.
यह स्कूल के लिए र्गव की बात है. कार्यक्रम में विद्या मंदिर सोसाइटी की चेयरपर्सन सुमंगला बिरला, विद्या मंदिर सोसाइटी की सेक्रेटरी जनरल रीता बीबड़ा व सिद्धार्थ बिरला उपस्थित थे. बिरला हाइस्कूल मैनेजिंग कमेटी के अध्यक्ष बीके झवर ने भी स्कूल की 75 वर्ष की लंबी उत्कृष्ट शैक्षणिक यात्रा पर खुशी व्यक्त की. कार्यक्रम में स्कूल का सोवेनियर जारी किया गया. साथ ही स्कूल की लंबी शैक्षणिक यात्रा पर एक डाक्यूमेंट्री फिल्म भी दिखायी गयी. छात्रों ने बांग्ला, हिंदी व अंगरेजी गीतों से समां बांधा. जूनियर स्कूल के छात्रों ने बेहतरीन डांस पेश किया. कुछ जूनियर छात्रों ने समूह में अंगरेजी अनुवाद के साथ मंच पर गीता के श्लोक पढ़ कर दर्शकों का मनोरंजन किया. कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन बिरला हाइस्कूल की प्रिंसिपल मुक्ता नैन ने किया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें