* सारधा चिट फंड मामला
* टेलीविजन चैनल के कर्मचारियों ने दर्ज करायी प्राथमिकी
* तीन महीने से नहीं मिला वेतन
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद कुणाल घोष, सारधा समूह के अध्यक्ष सुदीप्त सेन, सोमनाथ दत्ता और आठ अन्य के खिलाफ चिट फंड कंपनी द्वारा संचालित एक टेलीविजन चैनल के कर्मचारियों को वेतन का भुगतान नहीं करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की गयी है. चैनल 10 के पत्रकार रितम दास के साथ 21 अन्य पत्रकारों ने पार्क स्ट्रीट थाने में गुरुवार रात यह प्राथमिकी दर्ज करायी.
शिकायत में कहा गया कि उनसे किये गये सारे अनुबंधों को तोड़ते हुए कंपनी के मालिक ने तीन महीने से उन्हें वेतन नहीं दिया.
प्राथमिकी में यह भी आरोप लगाया गया है कि डेढ़ वर्ष से ज्यादा तक उनकी कंपनी के मालिक ने उनका पीएफ और टीडीएस भी जमा नहीं कराया. अपने बकाये वेतन की मांग को लेकर शुक्रवार शाम को कर्मचारियों ने पार्क स्ट्रीट थाने के सामने विरोध प्रदर्शन भी किया.
* क्या कहा पुलिस ने
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) पल्लव कांति घोष ने बताया कि पार्क स्ट्रीट थाने में दर्ज शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है. उन्होंने बताया कि कोलकाता पुलिस के गुप्तचर विभाग को मामले की जांच का जिम्मा दिया गया है.
टीडीएस और पीएफ जमा नहीं कराये जाने की जांच के लिए पुलिस आयकर विभाग और पीएफ कार्यालय से संपर्क कर रही है. जांच के सिलसिले में किसी भी आरोपी से पूछताछ कर सकती है. चाहे वह कुणाल घोष हो या फिर सुदीप्त सेन या कोई और. सुदीप्त सेन के खिलाफ लेक थाने में भी शिकायत दर्ज है. पुलिस दोनों मामलों की जांच कर रही है.
* जांच का सामना करने को तैयार हूं : कुणाल
मैं सिर्फ कर्मचारी था, जिस पर चैनल की संपादकीय सामग्री की जिम्मेवारी थी. मैं हर जांच का सामना करने को तैयार हूं. मैं मालिक नहीं था. वित्त व लेखा विभाग मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं थे. चेक पर हस्ताक्षर करने का भी मेरे पास अधिकार नहीं था. यह मेरी छवि धूमिल करने की कोशिश है. सारधा ग्रुप के अध्यक्ष सुदीप्त सेन चैनल 10 के मालिक हैं. कुणाल घोष, तृणमूल सांसद व सारधा ग्रुप मीडिया के पूर्व सीइओ
* जारी हैं कई जांच : राज्यपाल
सारधा चिट फंड मामले में कई तरह की जांच चल रही है. सबसे जरूरी यह है कि हम निवेशकों को वापस कुछ धन कैसे दे सकते हैं. सरकार द्वारा घोषित 500 करोड़ रुपये का राहत पैकेज काफी नहीं है, लेकिन यह बड़ा प्रयास है.
एमके नारायणन, राज्यपाल