18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

वामपंथी, गणतांत्रिक व धर्मनिरपेक्ष सरकार का गठन जरूरी : सूर्यकांत

।। अमित शर्मा।। कोलकाता : विगत पांच वर्षों के दौरान बंगाल विकास के मामले में पिछड़ गया है. औद्योगिक, कृषि, शैक्षणिक आदि क्षेत्रों में लगातार अवनति हुई है. चाहे श्रमिक वर्ग की बात हो या किसानों की, समय के साथ उनकी दशा दयनीय हुई है. पूरे राज्य में अराजकता का माहौल व्याप्त है. लोगों के […]

।। अमित शर्मा।।

कोलकाता : विगत पांच वर्षों के दौरान बंगाल विकास के मामले में पिछड़ गया है. औद्योगिक, कृषि, शैक्षणिक आदि क्षेत्रों में लगातार अवनति हुई है. चाहे श्रमिक वर्ग की बात हो या किसानों की, समय के साथ उनकी दशा दयनीय हुई है. पूरे राज्य में अराजकता का माहौल व्याप्त है. लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन हो रहा है. युवा वर्ग बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहा है. ऐसा तृणमूल कांग्रेस नीत सरकार की दिशाहीन नीतियों की वजह से हुआ है.
यह आरोप माकपा के राज्य सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा ने लगाया. वे मंगलवार को प्रेस क्लब कोलकाता में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य में फैली अराजकता पर अंकुश के लिए वामपंथी, गणतांत्रिक व धर्मनिरपेक्ष सरकार का गठन जरूरी है. यही वजह है कि वामपंथियों का स्लोगन है ‘तृणमूल हटाओ बंगाल बचाओ और भाजपा हटाओ देश बचाओ’.
राज्य में तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से हटाने के लिए वाममोरचा और कांग्रेस के बीच समझौता हुआ है. कथित तौर पर सीट बंटवारा भी दोनों पक्षों के तालमेल से किया गया है. ऐसे में माकपा समेत वाममोरचा में शामिल अन्य घटक दलों द्वारा कांग्रेस के साथ समझौता किये जानेे की बात सीधे तौर पर नहीं कही जा रही है. इसकी वजह पूछने पर श्री मिश्रा ने कहा कि शुरू से ही माकपा ने साफ कर दिया है कि उन्होंने इसबार विधानसभा चुनाव में केवल वामपंथी सरकार गठन का अाह्वान नहीं किया है.
वामपंथियों की ओर से वामपंथी, गणतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष सरकार के गठन पर जोर दिया गया है. वामपंथियों के स्लोगन ‘तृणमूल हटाओ बंगाल बचाओ और भाजपा हटाओ देश बचाओ’ का कांग्रेस की ओर से समर्थन किया गया है. ऐसेे में किसी भी संशय की गुंजाइश नहीं बचती है. केरल में वाममोरचा और कांग्रेस का सीधा मुकाबला है लेकिन बंगाल में कांग्रेस और वामपंथी साथ हैं. इस वजह से भाजपा और तृणमूल की ओर से भी सवाल उठाये गये हैं. इस मुद्दे पर माकपा के राज्य सचिव ने कहा कि बंगाल के हालात अलग हैं.
आम लोगों व विपक्षी दलों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है. ऐसे में लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से हटाना अहम हो गया है. यही वजह है कि तमाम वामपंथी, गणतांत्रिक व धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एकजुट होने का आह्वान किया गया. सिंगूर की समस्या के समाधान के आसार के बारे में प्रश्न किये जाने पर मिश्रा ने कहा कि यदि वाममोरचा सत्ता में आता है तो केवल सिंगूर नहीं बल्कि राज्य की कई समस्याओं के समाधान पर जोर दिया जायेगा. किसानों की सहमति से उनके हित के लिए वहां कारखाना स्थापित किये जाने की पहल की जायेगी.
साथ ही युवा वर्ग के रोजगार की व्यवस्था करने का पूरा प्रयास किया जायेगा. शैक्षणिक क्षेत्रों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना भी अहम है. आरोप के अनुसार तृणमूल के शासनकाल में वामपंथियों समेत अन्य विपक्षी दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस थानों में झूठे मामले दर्ज किये गये. डॉ सूर्यकांत मिश्रा ने दावा किया कि यदि सत्ता की बागडोर वामपंथियों के हाथ में आयेगी तो तमाम झूठे मामलों को वापस लिये जाने की व्यवस्था की जायेगी.
इतना ही नहीं करोड़ों रुपये के सारधा चिटफंड कांड के दोषियों की संपत्ति जब्त कर पीड़ितों को उनके रुपये वापस दिलाने की पहल भी की जायेगी. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में विपक्षी दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमले जारी हैं. यदि राज्य में वाम, गणतांत्रिक व धर्मनिरपेक्ष सरकार का गठन होता है तो तृणमूल समर्थकों पर ऐसा जुल्म नहीं होगा. राज्य में लोकतंत्र की बहाली जरूरी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें