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चुनाव के बाद होगी राशन कार्डों की छंटाई
कोलकाता : विधानसभा चुनाव से पहले राशन दुकानों से दो रुपये प्रति किलो की दर से चावल व गेहूं खरीद रहे काफी लोगों पर चुनाव के बाद गाज गिर सकती है. राज्य खाद्य विभाग स्वयं इस प्रकार की आशंका व्यक्त कर रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, पुराने राशन कार्ड दिखा कर दो रुपये प्रति […]
कोलकाता : विधानसभा चुनाव से पहले राशन दुकानों से दो रुपये प्रति किलो की दर से चावल व गेहूं खरीद रहे काफी लोगों पर चुनाव के बाद गाज गिर सकती है. राज्य खाद्य विभाग स्वयं इस प्रकार की आशंका व्यक्त कर रहा है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पुराने राशन कार्ड दिखा कर दो रुपये प्रति किलो की दर से चावल व गेहूं पाने के लिए जिन लोगों ने आवेदन किया है, उनके बारे में फिलहाल खाद्य विभाग कोई जांच-पड़ताल नहीं कर रहा है.
केवल उन आवेदनकारियों से संबंधित जानकारी कंप्यूटर में दर्ज कर दिया जा रहा है. चुनाव परिणाम आने के बाद खाद्य विभाग आवेदनकारियों के बारे में विस्तारित जानकारी संग्रह करेगा. यह जानकारी इकट्ठा करने की प्रक्रिया के दौरान राजनीतिक अथवा अराजनीतिक कारणों से काफी आवेदनकारियों के आवेदन रद्द होने की आशंका है.
चुनाव से ठीक पहले नये डिजिटल राशन कार्ड में भारी भूल होने की खबर सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी फौरन हरकत में आयी थीं आैर उनके निर्देश पर राज्य सरकार ने पुराने राशन कार्ड पर ही प्रत्येक महीने प्रत्येक व्यक्ति को दो रुपये प्रति किलो की दर से पांच किलो चावल व पांच किलो गेहूं देने का निर्णय लिया था. तीन नंबर फार्म के द्वारा आवेदन करने पर ही यह सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है.
आवेदनकारी का अस्तित्व है या नहीं, इसका पता घर-घर जा कर किया जाता है, पर खाद्य विभाग चुनाव से पहले ऐसा नहीं करना चाहता है, क्योंकि ऐसा करने पर बहुत सारे आवेदनकारियों को राशन कार्ड से वंचित होना पड़ सकता है, जिसका असर चुनाव परिणाम पर पड़ने की आशंका है. इसलिए खाद्य विभाग यह खतरा मोल लेने के लिए तैयार नहीं है, पर चुनाव के बाद तो यह करना ही पड़ेगा, जिसका खमियाजा राज्य के काफी सारे लोगों को भुगतना पड़ सकता है.
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