चिकित्सकों को इलाज में सतर्कता बरतने की सलाह
कोलकाता : अगर निजी अस्पताल के प्रबंधन चाहें, तो राज्य सरकार उनके कैंपस में भी फेयर प्राइस मेडिसिन शॉप खोल सकती है. लेकिन इसके लिए निजी अस्पताल प्रबंधन को शॉप खोलने के लिए जगह देनी होगी. निविदा के माध्यम से इस मेडिसिन शॉप को किसी भी कंपनी को दिया जायेगा.
ये बातें शनिवार को राज्य के उपभोक्ता मामलों के मंत्री साधन पांडे ने बीएम बिरला हार्ट रिसर्च सेंटर में आयोजित सेमिनार के दौरान कहीं.
उन्होंने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य परिसेवाओं को बेहतर करने के लिए वर्तमान सरकार हर संभव कदम उठा रही है. राज्य के सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ चिकित्सकों की संख्या भी बढ़ायी जा रही है. मंत्री ने यहां के सरकारी अस्पतालों में होनेवाले इलाज पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि उपभोक्ता अदालत में प्रत्येक महीने चार-पांच मामले चिकित्सीय लापरवाही के दर्ज कराये जा रहे हैं.
इसके साथ ही कई आरोप तो ऐसे भी लग रहे हैं कि रोगी से इलाज के पैसे तो लिये जा रहे हैं, लेकिन जिसके लिए पैसे लिये गये, वैसी सेवा नहीं दी जा रही है. वहीं, फेयर प्राइस शॉप में अधिक कीमत पर अवैध तरीके से बेचे जा रहीं दवाओं के संबंध में उन्होंने कहा कि इस मामले की रिपोर्ट अब तक उनके पास नहीं आयी है. फिर भी वह मामले की जांच करेंगे.
गौरतलब है कि रोगी व उनके परिजनों का आरोप है कि ड्रग कंट्रोल द्वारा तय की गयी कीमत से अधिक दाम पर वहां दवाओं को बेचा जा रहा है. इससे लोगों को वाजिब कीमत पर दवाएं नहीं मिल रही हैं.
इस मौके पर बीएम बिरला हार्ट रिसर्च सेंटर के सीइओ रूपक बरुआ ने कहा कि राज्य सरकार ने शिशु सुरक्षा साथी योजना के साथ इस अस्पताल को भी जोड़ा है और अब तक इस योजना के तहत यहां 48 बच्चों का इलाज किया गया है.