कोलकाता : केंद्रीय चुनाव आयोग की संपूर्ण पीठ की बैठक शुक्रवार को नयी दिल्ली में आयोजित होगी और इस बैठक के बाद ही बंगाल सहित छह राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो सकती है. पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी सुनील गुप्ता को केंद्रीय चुनाव आयोग ने पहले ही दिल्ली तलब किया था. गुरुवार को उनके साथ कई चरणों में वरिष्ठ चुनाव अधिकारियों ने बैठक भी की. शुक्रवार को संपूर्ण पीठ की बैठक होगी.
चुनाव घोषणा से पहले केंद्रीय चुनाव आयोग यहां के कानून-व्यवस्था को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं, चुनाव घोषणा के पहले ही यहां 100 कंपनी केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों काे तैनात किया गया है. सात मार्च के बाद यहां और 100 कंपनियां आयेंगी. चुनाव आयोग यहां भयमुक्त व पारदर्शी तरीके से चुनाव कराने के लिए हर महत्वपूर्ण व्यवस्था करने को तैयार है. चुनाव आयोग बिहार मॉडल पर बंगाल में चुनाव कराना चाहती है. बंगाल में पांच या छह चरणों में चुनाव कराने की संभावना है. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के साथ-साथ असम, केरल, तमिलनाडु व पुडुचेरी में भी विधानसभा चुनाव के तिथियों की घोषणा हो सकती है.
कोलकाता. विधानसभा चुनाव के दौरान अगर कोई प्रत्याशी किसी कारण वश स्वयं नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए अनुपस्थित रहता है, तो वह प्रतिनिधि के माध्यम से भी नामांकन पत्र दाखिल कर सकता है, लेकिन ऐसा करने से पहले उसे चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी और चुनाव आयोग के निर्देश पर भी ऐसा किया जा सकेगा. यह जानकारी गुरुवार को संयुक्त चुनाव अधिकारी दिव्येंदु सरकार ने दी. उन्होंने बताया कि अगर कोई उम्मीदवार हॉस्पिटल में है तो वह चुनाव आयोग के निर्देश मिलने के बाद अस्पताल अधीक्षक के पास नामांकन पत्र दाखिल सकता है, अगर कोई जेल में बंद है तो वह जेल अधीक्षक के पास नामांकन पत्र दाखिल कर पायेगा.
कोलकाता. उत्तर 24 परगना जिले के कई इलाको में माकपा और कांग्रेस समर्थकों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के समर्थन में दीवार लेखन का काम शुरू कर दिया है. हालांकि अब-तक चुनाव की तारीख भी तय नहीं हुई है और नहीं किसी पार्टियों की ओर से अपने उम्मीदवारों की सूची ही जारी की गयी है. कांग्रेस और माकपा गठबंधन को लेकर केंद्रीय कमेटी की ओर से कोई स्पष्ट निणर्य लिया गया है. इसके बावजूद दीवार लेखन पर माकपा-कांग्रेस के गंठबंधन की साफ झलक देखने को मिल रही है.
गठबंधन को लेकर माकपा के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी का कहना है कि पार्टी के ऊपरी महल में गंठबंधन हो न हो. निचली स्तर पर दोनों के कार्यकताओं का दिल मिल गया है लेकिन जिला स्तर पर इसका विरोध भी देखने को मिल रहा है.
कांग्रेस पार्टी सूत्रों के अनुसार, गठबंधन को लेकर दिल्ली से अभी तक किसी प्रकार का निर्णय नहीं लिया गया है. जब तक इस पर कोई निर्णय नहीं ले लिया जाता. पार्टी को ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे विरोधियों को मजाक उड़ाने का मौका मिल जाये.