यह घटना मंगलवार रात उदयनारायणपुर के पेड़ाग्राम में घटी. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार शाम को जयंत स्थानीय एक क्लब में बैठ कर टीवी पर दिखाये जा रहे एशिया कप के भारत-श्रीलंका के बीच हो रहे क्रिकेट मैच को देख रहा था. रात लगभग नौ बजे बाप्पा व उसके पिता जयदेव और भाई तोतेन ने जयंत को बाहर बुलाया. जयंत के बाहर निकलते ही उसे क्लब से दूर एक अंधेरी जगह पर ले जाया गया. उसके बाद उसकी बेधड़क पिटाई की गयी. इसके बाद बाप्पा ने चापड़ जयंत के पेट में घुसेड़ दी गयी. जयंत की मौत निश्चित करने के लिए उसके गले में कई बार चापड़ से वार किया गया. जब काफी देर बाद तक जयंत वापस नहीं लौटा, तो उसके मित्र उसे खोजने के लिए बाहर निकले. थोड़ी दूर जाने पर उन्होंने देखा कि जयंत खून से लथपथ अवस्था में एक सुनसान जगह पर पड़ा है.
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दुखद:डिजिटल राशन को लेकर नहीं थम रहा विवादों का दौर, सिविक वोलेंटियर की हत्या
हावड़ा. डिजिटल राशन कार्ड को लेकर हुए विवाद में जयंत सांतरा (25) नाम के एक सिविक वोलेंटियर की जान चली गयी. हत्या का आरोप उसके सहकर्मी सिविक वोलेंटियर बाप्पा पंडित पर है. पुलिस सरगर्मी से उसकी तलाश कर रही है. आरोपी के पिता जयदेव पंडित व भाई तोतेन पंडित की भी तलाश पुलिस कर रही […]
हावड़ा. डिजिटल राशन कार्ड को लेकर हुए विवाद में जयंत सांतरा (25) नाम के एक सिविक वोलेंटियर की जान चली गयी. हत्या का आरोप उसके सहकर्मी सिविक वोलेंटियर बाप्पा पंडित पर है. पुलिस सरगर्मी से उसकी तलाश कर रही है. आरोपी के पिता जयदेव पंडित व भाई तोतेन पंडित की भी तलाश पुलिस कर रही है.
उसे उदयनारायणपुर अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. जयंत की मौत की खबर इलाके में फैलते ही स्थानीय लोग उत्तेजित हो उठे. लोगों ने बप्पा के घर में तोड़फोड़ की व उसे आग के हवाले कर दिया. घटना की खबर मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची. इस घटना के बाद से बाप्पा का परिवार फरार है. पुलिस ने बाप्पा की मां व बहन को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है.
हत्या के कारणों का खुलासा
प्राथमिक जांच के बाद पुलिस ने हत्या के कारणों का खुलासा करते हुए कहा कि घटना का सूत्रपात 10 दिनों पहले डिजिटल राशन कार्ड को लेकर हुआ था. उस समय बाप्पा के परिजन को डिजिटल राशन कार्ड मिला था. घर-घर डिजिटल राशन कार्ड का वितरण करने की जिम्मेदारी जयंत को मिली थी. बाप्पा के परिजनों को एसपीएचएएच डिजिटल राशन कार्ड की जगह पीएचएएच राशन कार्ड मिला था, जिस पर सिर्फ गेहूं और चावल मिलता था. पीएचएएच राशन कार्ड मिलने से बाप्पा के परिवार ने कहा कि जयंत ने ही सारी गड़बड़ी की है. जयंत के परिजनों का कहना है कि रास्ते में जब-जब बाप्पा के परिवार से जयंत की मुलाकात होती थी, उसके साथ गाली-गलौज व धमकी दी जाती थी. यहां तक कि जयंत के पिता (पंचायत सदस्य) ने भी बाप्पा के परिवार को समझाने की कोशिश की कि इसके पीछे उनका या उनके बेटे का हाथ नहीं है, इसके बावजूद वे समझने को तैयार नहीं होते. आखिर इस विवाद ने जयंत की जान ले ली. हत्या के फरार आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है.
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