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कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य “3200
नयी दिल्ली/कोलकाता : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2016-17 के लिए कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,700 रुपये से बढ़ा कर 3,200 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया. इसमें 18.5 फीसदी का इजाफा किया गया है. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया. मंत्रिमंडल ने कृषि […]
नयी दिल्ली/कोलकाता : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2016-17 के लिए कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,700 रुपये से बढ़ा कर 3,200 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया. इसमें 18.5 फीसदी का इजाफा किया गया है.
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया. मंत्रिमंडल ने कृषि मंत्रालय के उस प्रस्ताव पर सहमति दे दी, जिसमें पूर्व वर्ष के न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,700 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ा कर कीमत 3,200 रुपये प्रति क्विंटल करने की सिफारिश की गयी थी.
कृषि उत्पादों की कीमत निर्धारित करने वाला आयोग कमीशन फॉर एग्रीकल्चरल कॉस्ट्स एंड प्राइस (सीएसीपी) ने भी इसकी सिफारिश की थी. हाल में कच्चे जूट की फसल में गिरावट के मद्देनजर कीमत वृद्धि का निर्णय किया गया है. 2015-16 में जूट की फसल केवल 7.5 लाख हेक्टेयर में हुई थी, जो पिछले वर्ष आठ लाख हेक्टेयर था. जूट पर पश्चिम बंगाल, असम, ओडिशा व पूर्वी बिहार के लगभग 40 लाख किसान आश्रित हैं.
जूट मिलों में लगभग 3.75 लाख श्रमिक काम करते हैं. इंडियन जूट मिल्स एसोसिएशन (इज्मा) के पूर्व अध्यक्ष संजय कजारिया ने कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों के हित में कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य कम से कम 4000 रुपये प्रति क्विटंल किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि किसानों को सही कीमत नहीं मिलने के कारण ही कच्चे जूट का उत्पादन कम हुआ है. किसानों ने इस वर्ष 2700 रुपये प्रति क्विटंल कच्चे जूट की बिक्री की है, जबकि बिचौलिये व ट्रेडर्स बीच में लाभ कमा रहे हैं. गुरुवार को बाजार में 5700 रुपये प्रति क्विटंल कच्चे जूट बेचे गये हैं.
उल्लेखनीय है कि हाल में कच्चे जूट की कीमत में वृद्धि व कालाबाजारी के बाद जूट आयोग ने कई कदम उठाये हैं. जूट मिलों को कच्चे जूट की खरीदारी का पूरा डाटा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है तथा कालाबाजारी रोकने के लिए छापेमारी भी की जा रही है. केवल पंजीकृत ट्रेडर्सों से ही कच्चे जूट खरीदने का भी निर्देश दिया गया है.
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