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प्रधानमंत्री को आबे से बात करनी चाहिए : सुगत बोस
कोलकाता : सुभाष चंद्र बोस के करीबी परिजन और भारतीय इतिहासकार सुगत बोस ने शनिवार को कहा कि नेताजी के रहस्यमय तरीके से लापता होने के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने जापानी समकक्ष शिंजो आबे से बात करनी चाहिए. उन्होंने मोदी के पिछले साल की जापान यात्रा के बारे में कहा कि वह […]
कोलकाता : सुभाष चंद्र बोस के करीबी परिजन और भारतीय इतिहासकार सुगत बोस ने शनिवार को कहा कि नेताजी के रहस्यमय तरीके से लापता होने के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने जापानी समकक्ष शिंजो आबे से बात करनी चाहिए.
उन्होंने मोदी के पिछले साल की जापान यात्रा के बारे में कहा कि वह नहीं जानते कि मोदी ने नेताजी के मुद्दे पर कुछ किया या नहीं. उन्हें नहीं लगता कि उन्हाेंने आबे से नेताजी के लापता होने के बारे में बात की थी. उन्होंने रेंकोजी मठ में जाकर उन्हें सम्मान भी नहीं दिया. लेकिन अन्य प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरु, इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी उनके प्रति सम्मान प्रकट करने मठ में गए थे.
श्री बोस ने नेताजी के दिवंगत भतीजे शिशिर बोस एवं अपनी मां कृष्णा बोस के पत्र का हवाला देते हुए मोदी से इस सिलसिले में जापानी प्रधानमंत्री से बात करने का अनुरोध किया था. उन्होंने दावा किया कि जापानियाें ने हमें वह सूचना साझा की जो नेताजी के बारे में उनके पास थी. लेकिन उनका मानना है कि मोदी को आबे से बात करनी चाहिए थी चाहे यह तोक्यो, दिल्ली या फिर वाराणासी हो.
उन्होंने कहा कि जापान से ही हमें सबसे पहले यह पता चला था कि अगस्त 1945 में क्या हुआ था. गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी ने रेंकोजी मठ के अधिकारियाें को पत्र लिख कर नेताजी की अस्थियों की संरक्षित रखने और देखभाल करने को लेकर शुक्रिया अदा किया था. तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुगत बोस ने कहा कि प्रधानमंत्री रूस गये, लेकिन उन्हाेंने नहीं बताया कि उनकी नेताजी के बारे में रुसी राष्ट्रपति से कोई बात हुई या नहीं. उन्हें पुतिन से हुई बात को अवश्य सार्वजनिक करना चाहिए.
उन्हाेंने यह दावा भी किया कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने इस सिलसिले मंे रुसियाें से संपर्क किया था और मांग की कि राव की वार्ता को भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए.श्री बोस ने कहा कि ऐसे अहम वक्त में नेताजी के जीवन के बारे में काफी कुछ जानने की जरुरत है जब धार्मिक बहुसंख्यक और निरंकुश पूंजीवाद का गठजोड़ भारतीय लोकतंत्र के ताने बाने को खतरा पैदा कर रहा.
एक साथ सार्वजनिक होनी चाहिए थीं नेताजी की फाइलें : सुगत बोस
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पौत्र सुगत बोस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस से संबंधित 100 गुप्त फाइलों को सार्वजनिक किये जाने के कदम का स्वागत किया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि फाइलों को एक साथ सार्वजनिक करना चाहिए था. श्री बोस ने कहा कि चरणों में फाइलों को सार्वजनिक क्यों किया जा रहा है.
जो फाइलें सार्वजनिक की जा रही हैं, उनसे खास कुछ पता नहीं चलता है. उनका कहना था कि 1960 के बाद से नेताजी से जुड़े तथ्य, दस्तावेज, तसवीरें सभी कुछ नेताजी रिसर्च ब्यूरो के पास हैं. युवा पीढ़ी को उन्हें देखना व जानना चाहिए.
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