– रवींद्र शर्मा –
कल्याणी : रविवार को विश्व एड्स दिवस मनाया गया. सरकार इस रोग के खिलाफ नागरिकों को जागृत करने की कोशिश कर रही है. इस पर अनगिनत रुपये खर्च हो रहे हैं. पर, नदिया जिले में एक रोगी आज के दिन भी उपेक्षित रही.
तेहट थाना के गोपालपुर की हीरू मंडल उर्फ भजन की सात साल पहले ही रिंकी (बदला नाम) के साथ शादी हुई थी. उसके दो बच्चे हैं. तीसरे बच्चे के समय 12 अक्तूबर 2013 को उसे कृष्णानगर के सदर अस्पताल में भरती कराया गया था. दूसरे दिन 13 अक्तूबर को उसने एक बच्ची को जन्म दिया. आठ दिन बाद उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गयी. पर, इसी बीच पता चला कि जच्चा-बच्चा दोनों को एड्स रोग है.
इसके बाद रिंकी को मायकेवाले या ससुरालवाले, कोई भी लेने नहीं आया. अस्पताल अधीक्षक डॉ देवव्रत दत्त ने नातना ग्राम पंचायत के प्रधान मिठु तिवारी एवं एक एड्स सोसाइटी के प्रयास से रिंकी की सास ने उसे अपने पुराने पुस्तैनी मकान के बरामदे में रहने देने को रोजी हुई, लेकिन गांववाले उससे कतराते हैं. वे उसे छूआछूत वाली बीमारी की मरीज मानते हैं.
रिंकी का कहना है कि उस समय सरकार की तरफ से पंचायत प्रधान ने सरकारी मदद का वादा किया था, लेकिन आज तक कुछ नहीं मिला. आज भी उसकी सुध किसी ने नहीं ली. वह अपने तीन महीने के बच्चे साथ दुखमय जीवन बीता रही है.