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लोस में वाममोरचा और भाजपा ने राज्य सरकार पर निशाना साधा

नयी दिल्ली/कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल सरकार आज लोकसभा में वाममोरचा के साथ साथ भाजपा के निशाने पर आयी, जब भाजपा के एक सदस्य ने राज्य की कानून व्यवस्था से जुड़े कुछ मुद्दे को उठाया. इस मुद्दे को लेकर इन दलों के सदस्यों के बीच कुछ देर तक वाकयुद्ध चलता रहा. दार्जिलिंग से भाजपा […]

नयी दिल्ली/कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल सरकार आज लोकसभा में वाममोरचा के साथ साथ भाजपा के निशाने पर आयी, जब भाजपा के एक सदस्य ने राज्य की कानून व्यवस्था से जुड़े कुछ मुद्दे को उठाया. इस मुद्दे को लेकर इन दलों के सदस्यों के बीच कुछ देर तक वाकयुद्ध चलता रहा. दार्जिलिंग से भाजपा सदस्य एस एस अहलुवालिया ने सदन में शून्यकाल के दौरान आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में कानून और व्यवस्था की स्थिति ऐसी है कि राज्य में बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं.
तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों द्वारा इस पर कड़ी आपत्ति जताये जाने के बावजूद श्री अहलुवालिया ने कहा कि राज्य सरकार को ऐसे मामलों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए, क्योंकि खुद राज्य की मुख्यमंत्री एक महिला हैं.
श्री अहलुवालिया ने कुछ अन्य घटनाक्रमों का उल्लेख किया, जिसे उपाध्यक्ष एम थंबीदुरै ने यह कहते हुए कार्यवाही से निकाल दिया कि राज्य से जुड़ा मुद्दा सदन में नहीं उठाया जा सकता. माकपा के मोहम्मद सलीम भाजपा सदस्य के समर्थन में उतरे और उन्होंने भी पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में कुछ टिप्पणियां की, जिसे उपाध्यक्ष ने कार्यवाही से निकाल दिया.
श्री सलीम और श्री अहलुवालिया की टिप्पणियों को लेकर तृणमूल कांग्रेस के सदस्य भड़क गये. तृणमूल के सौगत राय ने कहा कि इस मुद्दे को यहां नहीं उठाया जा सकता, क्योंकि कानून व्यवस्था राज्य का विषय है.
संसदीय कार्य मंत्री राजीव प्रताप रुढी ने इस बात से सहमति जतायी कि कानून व्यवस्था राज्य का विषय है लेकिन साथ ही कहा कि जब ‘विरोध के अधिकार’ का हनन किया जाता है तो मामले को संसद में उठाया जा सकता है.

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