सिलीगुड़ी. शुक्रवार को माटीगाड़ा थानांतर्गत एवं निगम के 47 नंबर वार्ड के न्यू कॉलोनी के दो तल्ला इलाके में रेलवे की जमीन पर बने अवैध निर्माणों पर रेलवे का हथौड़ा चला. रेलवे अधिकारियों ने सुरक्षा के मद्देनजर रेल पुलिस एवं माटीगाड़ा पुलिस का सहयोग लेकर दर्जनों टिन-झप्परों के घरों को पूरी तरह उजाड़ डाला. साथ ही एक निर्माणाधीन पक्के मकान को भी तहस-नहस कर दिया. इस दौरान अवैध रूप से रहे लोगों के गुस्से का भी रेल अधिकारियों का सामना करना पड़ा लेकिन लोगों के गुस्से व विरोध का अधिकारियों पर कोई असर नहीं पड़ा और रेलवे ने अपनी जमीन पूरी तरह खाली करवा दी. रेलवे के इस अभियान के दौरान आस-पास ही रहनेवाले बस्तीवासियों ने रेल अधिकारियों के सामने कई सनसनीखेज खुलासा किया.
जिन्हें सुनकर अधिकारी अचंभित हो गये. बस्तीवासियों ने बताया कि रेलवे की खाली पड़ी जमीने कौड़ी के भाव बिक रहे हैं और जबरन दखल कर रहे हैं. अमन बरूवा ने रेलवे की जमीन पर बीते 25-30 वर्षों से रह रही कौशल्या पासवान पर अवैध रहने एवं रेलवे की खाली जमीन पर जबरन दखल कर अवैध रूप से बिक्री करने का आरोप भी लगाया. एक पीड़िता सीमा चक्रवर्ती का आरोप है कि महीने भर पहले ही कौशल्या ने डेढ़ कट्टा जमीन देने के नाम पर उससे एक लाख 20 हजार रूपये हड़प लिये. बदले में उसने बगैर कागजात के ही आधा कट्टा से भी कम जमीन दी है. अन्य लोगों ने भी उसपर एक मंदिर को नष्ट कर जमीन बिक्री करने का आरोप लगाया. लोगों का आरोप है कौशल्या रेलवे की इस पूरी खाली जमीन को ही बीते 25-30 वर्षों से अपने दखल में किये हुए है.
कौशल्या ने अपने उपर लगाये गये आरोपों को बेबुनियाद ठहराते हुए कहा कि 30 वर्ष से अधिक हो गये वह अपने पूरे परिवार के साथ यहां रह रही है. रेलवे द्वारा जमीन की जो प्लॉट उसके पति के नाम की गयी उसके सभी दस्तावेज मौजूद हैं.
मुझ पर जबरन दखल का गलत आरोप लगाया जा रहा है. कागजात होने के बावजूद आज उसके घर को भी तहस-नहस कर दिया गया. मौके पर मौजूद रेलवे अधिकारी सिनीयर सेक्शन इंजीनियर एचएम पोद्दार ने कहा कि आलाधिकारियों से मिले निर्देश के आधार पर ही रेलवे लगातार अवैध निर्माण व जबरन दखल के विरूद्ध अभियान चला रही है और रेलवे अपनी जमीन खाली करवा रही है. रेल अधिकारियों का कहना है कि कोशल्या के विरूद्ध मिले शिकायतों की जांच-पड़ताल की जायेगी. जरूरत पड़ने पर उसके विरूद्ध मामला भी दायर किया जा सकता है.