बताया जा रहा है कि मदन के जेल हिरासत की सीमा बढ़ने के निर्देश के बाद अदालत में उनके वकील पार्थ सारथी मुखर्जी ने अदालत में आवेदन किया कि इसके पहले अदालत से जमानत मिलने के लिए शर्त के तौर पर मदन मित्रा के पासपोर्ट व एक हजार रुपये का बांड जमा रखा गया था.
अब मदन मित्रा जमानत पर रिहा नहीं हैं, उनकी जमानत रद्द हो चुकी है. इसके लिए अदालत वह एक लाख रुपये व पासपोर्ट को वापस करने का निर्देश दे. अदालत ने इस आवेदन को सुना, हालांकि इस मामले में लिखित तौर पर कोई निर्देश पुलिस को नहीं दिया गया है. इस दिन अदालत में मदन मित्रा के पेशी को लेकर काफी सख्त सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी. इस बीच, मदन आम लोगों की तरह अलीपुर सेंट्रल जेल से अदालत पहुंचे. इस दिन उनके अदालत पहुंचने पर किसी भी समर्थक ने न कोई शोर मचाया और न ही कोई नारेबाजी की.