कोलकाता: शॉर्ट स्ट्रीट गोलीबारी कांड की जांच के दौरान सुराग मिलने पर कोलकाता पुलिस के होमेसाइड विभाग की टीम ने मुख्य षड्यंत्रकारी पराग मजमुदार नामक व्यापारी को गिरफ्तार किया है.
पुलिस का दावा है कि पराग के कहने पर ही सोमवार तड़के 9ए शॉट स्ट्रीट में वकील पार्थ चटर्जी के नेतृत्व में युवकों ने हमले किये. संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) पल्लव कांति घोष ने बताया कि शॉर्ट स्ट्रीट कांड की जांच का जिम्मा होमेसाइड विभाग को देने के बाद इस हमले के पीछे पराग का नाम सामने आया. पुलिस हिरासत में पूछताछ के दौरान पार्थ ने पराग के नाम का खुलासा किया. उसने बताया कि 26 लाख के बदले उस जमीन का दखल लेने के लिए पराग ने उसे फरजी कागजात देकर वहां भेजा था. अधिकारियों के मुताबिक, पराग के खिलाफ इस घटना में जुड़े होने के और भी कई सबूत हाथ लगे. जिसके बाद पराग को दबोचने का प्रयास शुरू किया गया. पराग के किसी काम से मुंबई जाने की सूचना अधिकारियों को अचानक मिली. जिसके बाद बुधवार दोपहर 3.40 बजे पराग को दबोच लिया गया. उसके पास से पुलिस को बोर्डिग पास के अलावा कुछ और दस्तावेज भी हाथ लगे हैं.
विदेश भागने की फिराक में था आरोपी : बताया जा रहा है कि मुंबई के रास्ते वह विदेश भागने की फिराक में था. लेकिन समय रहते ही उसे दबोच लिया गया. पराग का पार्क सर्कस के पास सर सइयद अमीर अली एवेन्यू में रिकमैन कॉमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड नामक एक कंस्ट्रक्शन कंपनी है. उधर, किसके कहने पर 9ए शॉर्ट स्ट्रीट में पराग ने वकील पार्थ को सिक्योरिटी एजेंसी के लोगों के साथ वहां भेजा था. इस संबंध में उससे पूछताछ की जायेगी. इसके बाद पुलिस इस घटना के अगले मास्टर माइंड तक पहुंचेगी.
सिक्योरिटी एजेंसी का दफ्तर हुआ सील : पल्लव ने बताया कि जिस सिक्योरिटी कंपनी से सुरक्षाकर्मियों को यहां लाया गया था. घटना के बाद से उसका मालिक अरूप देबनाथ फरार है. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. वहीं, पार्क सर्कस और बारुईपुर में स्थित इस एजेंसी के दोनों ऑफिस को मंलवार को पुलिस ने सील कर दिया.