इस पर अभी निर्णय किया जाना है. मित्रा को सीबीआइ ने पिछले वर्ष दिसंबर में गिरफ्तार किया था. फिलहाल वह अलीपुर केंद्रीय सुधार गृह में बंद हैं. कलकता हाइकोर्ट ने हाल में निचली अदालत से मिली उनकी जमानत खारिज कर दी थी.
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सारधा मामले को दूसरे राज्य में ले जा सकती है सीबीआइ
कोलकाता: राज्य के पूर्व परिवहन मंत्री और तृणमूल कांग्रेस विधायक मदन मित्रा को सीबीआइ की विशेष अपराध शाखा, दूसरे राज्य में भेज सकती है. सीबीआइ करोड़ों रुपये के सारधा घोटाले की जांच कर रही है. घोटाले की जांच कर रहे सीबीआइ के एक अधिकारी ने कहा कि हम मदन मित्रा को दूसरे राज्य में स्थानांतरित […]
कोलकाता: राज्य के पूर्व परिवहन मंत्री और तृणमूल कांग्रेस विधायक मदन मित्रा को सीबीआइ की विशेष अपराध शाखा, दूसरे राज्य में भेज सकती है. सीबीआइ करोड़ों रुपये के सारधा घोटाले की जांच कर रही है. घोटाले की जांच कर रहे सीबीआइ के एक अधिकारी ने कहा कि हम मदन मित्रा को दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने पर विचार कर सकते हैं.
एक सवाल के जवाब में सीबीआइ अधिकारी ने कहा कि मुद्दा यह नहीं है कि हम मित्रा को यहां (अलीपुर जेल) रखकर खुश हैं या नहीं. हम अपने काम में काफी पेशेवर हैं और कानून के मुताबिक जो भी जरूरत होगी, वह करेंगे. उन्होंने कहा कि मित्रा को निचली अदालत ने जब जमानत दी तो हम खुश नहीं थे जिसके लिए हमने तुरंत उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. दिसंबर में गिरफ्तार किये जाने के बाद से मित्रा ने अधिकतर समय सरकारी अस्पताल में बिताया. सूत्रों के मुताबिक, अगर सीबीआइ उन्हें पश्चिम बंगाल से बाहर स्थानांतरित करने के बारे में निर्णय करती है तो वह घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता के बारे में और खुलासों के लिए होगी. सीबीआइ ने पूरक आरोप पत्र में मित्रा को बड़ा लाभार्थी बताया था.
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