इस दौरान पथराव और बमबाजी हुई. बाराबनी में 12 वाहनों और कई दुकानों में तोड़फोड़ की गयी. घटना में सहायक पुिलस निरीक्षक सहित दो पुलिसकर्मी और दर्जनों राजनीतिक कार्यकर्ता घायल हो गये. जामुड़िया में भी जमकर बवाल हुआ. गौरतलब है कि शनिवार को भी राज्य में कई जगह माकपा के जत्थों को निशाना बनाया गया था.
बीरभूम जिले के मयूरेश्वर थाना अंतर्गत साठ पलसा गांव में जत्थे पर हुए हमले में पूर्व सांसद व जिला माकपा सचिव डॉ रामचंद्र डोम, जिला नेता मंसा हांसदा, मयूरेश्वर माकपा विधायक अशोक राय, पूर्व विधायक धीरेन लेट समेत 20 से ज्यादा लोग घायल हो गये थे. धीरेन लेट को कान पकड़ने तक मजबूर किया गया. माकपा ने इन हमलों का आरोप तृणमूल कांग्रेस पर लगाया है, हालांकि पार्टी ने इससे साफ इनकार करते हुए कहा है िक यह घटनाएं माकपा के अंतर्कलह का परिणाम है. ज्ञात रहे कि राज्य में बढ़ती हिंसक घटनाओं की मुखालफत सहित 15 सूत्री मांगों को लेकर वामपंथी संगठनों की अोर से जत्थे निकाले जा रहे हैं.
जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गये. सभी को तारकेश्वर ग्रामीण अस्पताल में भरती कराया गया है. माकपा के पार्टी कार्यालय में आगजनी की घटना पर उन्होंने कहा कि माकपा समर्थकों ने खुद ही कागज जलाकर कार्यालय के अंदर रखे कुछ सामानों को जला दिया है और दोष तृणमूल समर्थकों पर लगा रहे हैं. घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंची और किसी तरह पार्टी कार्यालय से माकपा समर्थकों को बाहर निकाला. पुलिस घटना की जांच कर रही है.
बहस गाली गलौज तक पहुंची और फिर दोनों पार्टियों के समर्थक आपस में भिड़ गये. बीच बचाव करने गये एएसआइ पाल के सिर पर लाठी से वार हुआ और वे वहीं लहुलूहान होकर गिर गये. दुकान और वाहनों में भी तोड़फोड़ शुरू हो गयी. जमकर पथराव भी हुआ. पूरा इलाका रणक्षेत्र में बदल गया. स्थानीय निवासी सुरक्षित स्थानों में छिप गये. दोनों पक्षों से दर्जनों लोग घायल हुए. भारी पुलिस बल ने घटना स्थल पर पहुंच कर स्थिति को नियंत्रित किया. घटना को लेकर इलाके में तनाव बना हुआ है. अधिकांश माकपा नेता इलाका छोड़ चुके हैं. पुलिस छापामारी अभियान चला रही है. एएसआइ पाल के सिर पर चार टांके पड़े. कांस्टेबल का हाथ बुरी तरह जख्मी हुआ. तृणमूल के बबलू कर्मकार को जिला अस्पताल में दाखिल किया गया.
तृणमूल के प्रखंड अध्यक्ष असित सिंह ने कहा कि उनके समर्थक दुकान के समक्ष बैठे थे. माकपा की रैली में शामिल लोगों ने उन पर हमला कर दिया. दुकान एवं वहां खड़े वाहनों में तोड़फोड़ की. माकपा बाराबनी जोनल कमेटी के सचिव असीम बनर्जी से तीन बार संपर्क किया गया. हर बार वे व्यस्त बता कर फोन काटते रहे. बाराबनी क्षेत्र के सभी माकपा नेताओं के फोन बंद मिले.
जत्था में शामिल माकपा जोनल सचिव मनोज दत्ता तथा शिक्षक उज्जवल चटर्जी को धमकी दी गयी. मनोज दत्ता की पत्नी ममता दत्ता, काजल बाउरी, पी चटर्जी, कलीमुद्दीन अंसारी के साथ मारपीट हुई. जत्था को बालानपुर ग्राम में घुसने नहीं दिया. घटनास्थल से पुलिस कमिश्नर को फोन किया गया. काफी देर बाद घटनास्थल पर तीन पुलिस कर्मी आये. जत्था को रागाराम डांगा में ही समाप्त कर दिया गया. सीटू के जिला महासचिव सह पूर्व सांसद वंशगोपाल चौधरी ने बताया कि तृणमूल कर्मियों ने बाराबनी में भी माकपा समर्थकों पर हमला किया. घटना की विस्तृत जानकारी पुलिस कमिश्नर को दी गयी है. दोषियों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की गयी है. दूसरी ओर इन आरोपों को गलत बताते हुए वार्ड संख्या सात के पार्षद राखी कर्मकार ने बताया कि सीपीएम का जत्था ने शांतिपूर्ण इलाके का भ्रमण किया. टीएमसी को बदनाम कर जनता के बीच गलत संदेश देने के तहत हमले की बात प्रचारित की जा रही है.