कोलकाता : सारधा चिट फंड घोटाले के आरोपी और पश्चिम बंगाल के मंत्री मदन मित्रा एक निजी अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद आज घर लौट गए और कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के अनुरुप उन्हें पुलिस निगरानी में नजरबंद कर दिया गया.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सीने में दर्द और बेचैनी की शिकायत के बाद मित्रा को वुडलैंड्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें अस्पताल से छुट्टी देने के तुरंत बाद दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर स्थित उनके घर ले जाया गया.
अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ मालती पुरकैत ने कहा, ‘‘मित्रा को स्वस्थ घोषित कर दिया गया और आज सुबह छुट्टी दे दी गयी.” सीबीआई ने उनकी जमानत रद्द करने की मांग को लेकर गत तीन नवंबर को उच्च न्यायालय का रुख किया था.
कोलकाता उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि करोडों रुपये के सारदा चिटफंड घोटाले के आरोपी मित्रा की जमानत रद्द करने से जुडी सीबीआई की याचिका का निपटान होने तक वह पुलिस की निगरानी में घर में नजरबंद बने रहेंगे.
न्यायमूर्ति जे बागची और मीर दारा शिकोह की एक खंडपीठ ने कहा था कि मित्रा एक कैबिनेट मंत्री हैं और जमानत पर रहने के दौरान वे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. खंडपीठ ने अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद मित्रा को उनके घर में नजरबंद रखने का निर्देश दिया था.
खंडपीठ ने साथ ही निर्देश दिया कि चिकित्सा संबंधी आपात स्थिति होने या सीबीआई की जांच संबंधी जरुरत होने पर ही मित्रा अपने घर से बाहर निकलेंगे. अलीपुर की एक अदालत ने 31 अक्तूबर को मित्रा को जमानत दी थी. विभिन्न बीमारियों के कारण गत 11 फरवरी के बाद से सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा था. उन्हें स्वस्थ घोषित करने के बाद एसएसकेएम अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी थी. दिसंबर, 2014 में सारदा घोटाले में कथित संलिप्तता के लिए सीबीआई ने मित्रा को गिरफ्तार किया था.