कोलकाता: उत्तर बंगाल के तीन जिलों के चाय बागानों की हालत भयावह है, क्योंकि चाय बागान के मालिक किसी भी नियम का पालन नहीं कर रहे हैं. सिर्फ अपने रुपये बचाने के लिए वह श्रमिकों की जिंदगी के साथ खेल रहे हैं.
यह आरोप गुरुवार को राज्य के खाद्य व आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने लगाया. खाद्य भवन में संवाददाताओं से बातचीत में मल्लिक ने कहा कि चाय बागान के मालिक राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी दर पर आवंटित अनाज को खरीदते ही नहीं है, बल्कि वह खुले चाय बागानों को भी बंद की श्रेणी में डालना चाहते हैं ताकि उनको अनाज नहीं खरीदना पड़े.
उन्होंने बताया कि राज्य में लगभग 42 चाय बागान बंद हैं. इनमें से छह चाय बागान स्थायी रूप से बंद हैं, क्योंकि इसे फिर से खोलना अब शायद संभव नहीं है. इनमें सुरेंद्रनगर, काठागुड़ी, रेड बैंक, ढेकलापाड़ा, डालमोड़ व बांदापानी शामिल है. सरकार द्वारा इन बंद चाय बागानों के श्रमिकों व उनके परिजनों में प्रत्येक सदस्य के लिए दो रुपये किलो चावल व तीन रुपये गेंहू प्रदान किया जाता है.