कोलकाता. ऑल इंडिया माइनॉरिटी एसोसिएशन ने राज्य की तृणमूल सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा है कि राज्य के अल्पसंख्यकों को मुख्यधारा में लाने का लक्ष्य अब भी अधूरा है. संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए संगठन के सचिव सैयद रुहूल अमीन ने कहा कि 2011 में राज्य में सत्ता परिवर्तन की जो लड़ाई हुई थी.
राज्य के अल्पसंख्यक समाज ने तृणमूल कांग्रेस का बढ़-चढ़ कर साथ दिया था, पर इस साथ के बदले में हमें कुछ नहीं मिला. श्री अमीन ने कहा कि हम लोग न तो सरकार के समर्थक हैं आैर न ही उसके विरोधी हैं.
हमें यह लगता है कि इस सरकार की नीयत साफ नहीं है. अल्पसंख्यकों को समाज की मुख्यधारा में लाने का जो वादा किया गया था, उस वादे को अभी तक पूरा नहीं किया गया. हमारी मांग है कि अल्पसंख्यकों को संविधान के अनुसार समान अधिकार मिले. जनप्रतिनिधि में उनकी भागेदारी बढ़े, नौकरी व उच्च शिक्षा में आरक्षण दिया जाये एवं अल्पसंख्यक बहुल इलाकों के विकास के लिए अधिक फंड दिया जाये.
इसके साथ ही संगठन समाज के अन्य पिछड़ा वर्ग व आदिवासी समाज के उत्थान के लिए भी संघर्ष करेगा. इन मांगों को लेकर संगठन के कार्यकर्ता 16 दिसंबर को महानगर के रानी रासमनी रोड पर एक विशाल सभा करेंगे, जिसमें राज्य भर से हजारों लोग हिस्सा लेंगे. श्री अमीन ने कहा कि हम लोग सम्मान के साथ अपनी बात सरकार के सामने रखना चाहते हैं. ऑल इंडिया माइनॉरिटी एसोसिएशन ने मदरसा शिक्षकों के आंदोलन का भी समर्थन किया है. श्री अमीन ने अारोप लगाया कि तृणमूल सरकार मदरसा शिक्षकों के मुद्दे पर गंभीर नहीं है.