कोलकाता. राज्य के कक्षा आठ के इतिहास की पुस्तक में स्वतंत्रता के लिए आंदोलन करनेवाले खुदीराम बोस व प्रफुल्ल चाकी को आतंकी बताया गया है. अब इस पर व्याख्या देने के लिए स्वयं राज्य का स्कूल शिक्षा विभाग तत्पर हो गया है. इस संबंध में स्कूल पाठ्यक्रम कमिटी इस शब्द की व्याख्या करेगी. स्कूल शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, अत्याचारी विदेशी शासक के खिलाफ देश की जनता ने आंदोलन शुरू किया था. पाठ्यक्रम कमिटी की ओर से बताया गया है कि खुदीराम बोस व प्रफुल्ल चाकी ने जिस समय आंदोलन किया था, उस समय उनके आंदोलन को आतंकवाद का ही नाम दिया जाता था.
तत्कालीन शासक के खिलाफ खुदीराम बोस ने आंदोलन किया था, इसलिए उनको आतंकी बताया गया है. लेकिन पाठ्यक्रम कमिटी के इस बयान को विरोधी पार्टियों ने मानने से इनकार कर दिया. इसके बाद तृणमूल कांग्रेस सांसद व इतिहासविद सुगत बसु सहित पांच लोगों को एक कमेटी का गठन किया गया है, जो इसे लेकर अपनी रिपोर्ट साैंपेगी.
हालांकि इस कमेटी ने आतंकी शब्द का विरोध नहीं किया है. हालांकि उनका मानना है कि इस संबंध में इतिहास की पुस्तक में और व्याख्या करना जरूरी है. अब राज्य सरकार पाठ्यक्रम में खुदीराम बोस व प्रफुल्ल चाकी के संबंध में और विस्तृत रूप से व्याख्या करेगी और उनके आंदोलन के महत्व को बतायेगी.