कोलकाता. केंद्र सरकार अब कॉमर्शियल माइनिंग के लिए मेगा कोल ब्लॉक दे सकती है. कोयला मंत्रालय के संयुक्त सचिव एसके शाही ने कहा कि माइनिंग सेक्टर को प्रतिस्पर्धी बनाने की तैयारी की जा रही है. मेगा ब्लॉक का मतलब उन कोल ब्लॉक से है, जिनका रिजर्व करीब 50 करोड़ टन होता है.
श्री शाही सोमवार को कोलकाता में नौवें भारतीय कोयला बाजार सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. श्री शाही ने कहा कि कॉमर्शियल माइनिंग को जल्द मंजूरी दी जायेगी, लेकिन इससे पहले हमें इसका ढांचा तैयार करना होगा. हम कॉमर्शियल माइनिंग के लिए मेगा ब्लॉक्स देने पर विचार कर रहे हैं.
इससे इस सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि अभी कोल सेक्टर में कोल इंडिया लिमिटेड का एकाधिकार है. छोटे ब्लॉक्स को कॉमर्शियल माइनिंग के लिए नहीं रखा जा सकता है. हमें बड़े ब्लॉक देने की जरूरत है, ताकि माइनिंग कंपनियां आर्थिक रूप से इसे करने में सक्षम हो सकें और प्रतिस्पर्धा में टिक सकें. हालांकि, शाही ने हाल में नीलाम हुए कोल माइंस के ऑपरेशन शुरू होने में हो रही देरी पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस मसले पर राज्य सरकारों के साथ गंभीरता से चर्चा कर रही है और माइंस शुरू कराने की प्रक्रिया तेज करने में जुटी है.