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स्थायी कोयला श्रमिकों को 48,500 के बोनस पर बनी सहमति

आसनसोल: कोल स्टैंडराइजेशन कमेटी की नयी दिल्ली में बुधवार को हुयी बैठक में वर्ष 2015 में कोयला कर्मियों को 48, 500 रुपये बोनस मद में भुगतान करने पर सहमति बनी. जबकि कोयला खदानों में कार्यरत ठेका श्रमिकों को िमलने वाली रािश पर देर रात तक चर्चा जारी थी. इससे कोल इंडिया में कार्यरत साढ़े तीन […]

आसनसोल: कोल स्टैंडराइजेशन कमेटी की नयी दिल्ली में बुधवार को हुयी बैठक में वर्ष 2015 में कोयला कर्मियों को 48, 500 रुपये बोनस मद में भुगतान करने पर सहमति बनी. जबकि कोयला खदानों में कार्यरत ठेका श्रमिकों को िमलने वाली रािश पर देर रात तक चर्चा जारी थी. इससे कोल इंडिया में कार्यरत साढ़े तीन लाख श्रमिक व कर्मचारी लाभान्वित होंगे. बैठक में कई बार यूनियन नेताओं व प्रबंधन के बीच गतिरोध की स्थिति आ गयी थी.

कोलियरी मजदूर सभा (एटक) के महासचिव व पूर्व सांसद आरसी सिंह, बीएमएस नेता जयनाथ चौबे तथा एचएमएस नेता एसके पांडेय ने कहा कि नयी दिल्ली में इस मुद्दे पर बैठक हुई. इसमें कोल इंडिया के कार्मिक निदेशक आर मोहन दास, वित्त निदेशक चंदन कुमार दे, इसीएल के कार्मिक निदेशक सह वित्त निदेशक (प्रभार) केएस पात्र, विभिन्न कोयला कंपनियों के वित्त निदेशक व कार्मिक निदेशक तथा श्रमिक प्रतिनिधियों में इंटक के राजेन्द्र प्रसाद सिंह, एसक्यू जामा, एटक के रमेन्द्र कुमार, बीएमएस के प्रदीप कुमार दत्ता, एचएमएस के नेता नत्थूलाल पांडेय तथा सीटू नेता डीडी रामानंदन शामिल थे. नेताओं ने पिछले वर्ष की बोनस राशि की तुलना में अधिक राशि भुगतान का प्रस्ताव रखा. उनके तर्क थे कि वर्ष 2014-15 में कोल इंडिया का उत्पादन 494.02 मिलियन टन था. इस वित्तीय वर्ष में कोल इंडिया का उत्पादन 32 मिलियन टन बढ़ा है.

जो पिछले चार सालों में सबसे अधिक है. सीआइएल ने देश के सबसे अधिक कॉरपोरेट टैक्स 9572 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया है. इसके साथ ही 12,940 करोड़ रुपये टैक्स मद में जमा किये. कंपनी को 21,583 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है.

कंपनी ने शेयरधारकों को 13,736 करोड़ रुपये का डिविडेंट देने की घोषणा की है. इस स्थिति में श्रमिकों को इस राशि का 20 फीसदी हिस्सा भी मिलना ही चाहिए. उन्होंने कहा कि कोल इंडिया को महारत्न तथा इसीएल को छोड़ कर सभी अनुषांगिक कोयला कंपनियों को मिनी रत्न का दर्जा मिल चुका है. बैठक में प्रबंधन ने पिछले वर्ष की तरह 40 हजार रुपये के भुगतान का प्रस्ताव रखा, जबकि यूनियन प्रतिनिधियों ने 60 हजार रुपये के प्रस्ताव से बात शुरू की. काफी समय तक बैठक चलने के बाद स्थायी कोयला श्रमिकों के लिए 48,500 रुपये पर सहमत बन गयी. लेकिन यूनियन प्रतिनिधियों ने प्रस्ताव रखा कि यदि कंपनी में कार्यरत ठेका श्रमिकों को साढ़े तीन हजार रुपये का भुगतान होगा तो वे स्थायी श्रमिकों के लिए 48,500 रुपये पर तैयार है. यदि ठेका श्रमिकों को दो हजार रुपये का बोनस मिलेगा तो स्थायी श्रमिकों को 50 हजार रुपये का बोनस भुगतान करना होगा.

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