कोलकाता. मौजूदा दौर मेें आज जब फिर से भारत विश्व गुरु बनने की राह पर अग्रसर है. इस समय आज पुन: प्रासंगिक लगता है पं. दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानव वाद का संदेश. पंडित दीनयदयाल उपाध्याय ने ऐसे समय में इस संदेश को आम जनसाधारण के लिए प्रसारित किया जब पूंजीवाद, साम्यवाद सहित अन्य नीति-सिद्धांतों की की एक लहर-सी चल रही थी. ऐसे में सबको साथ लेकर, समदर्शी सोच के साथ राष्ट्र के हित में चलने का संदेश पं. दीनदयाल उपाध्याय ने देश को दिया.
सबके लिए एक समान व्यवस्था, एक ही अवस्था का उनका यह संदेश आज भी प्रासंगिक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एकात्म मानववाद के इसी संदेश को कारगर करने के लिए प्रत्यनशील है. विश्वभर से उनके इस कदम को समर्थन मिल रहा है. विश्व के विचार भारत के साथ एकजुट होते दिख रहे हैं.
ये बातें रविवार को अोसवाल भवन सभागार में उत्तर प्रदेश से आये युवा सांसद शरद त्रिपाठी ने नाॅर्थ कोलकाता जनहित संकल्प के तत्वावधान में आयोजित एक कार्यक्रम में कही. पं. दीनदयाल उपाध्याय जन्म शतवार्षिकी के उपलक्ष्य में एकात्म मानवाद परिचर्चा पर बोलते हुए श्री त्रिपाठी ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय का एकात्मक मानवतावाद का संदेश केवल विचार प्रकट करने मात्र से प्रभावी नहीं होने वाला. इसके लिए हम सभी को संयुक्त प्रयास करना होगा. लोगों को इस विचार में शामिल करना होगा एकात्म मानवतावाद की समदर्शी सोच के साथ.
समारोह को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के संयोजक भानुप्रकाश मिश्रा ने कहा कि टुकड़ों में बंटकर नहीं बल्कि एकजुट होकर एकात्म मानवता वाद के संदेश को जागृत किया जा सकता है. प्रभात खबर के संपादक तारकेश्वर मिश्र ने कहा कि देश के महान पुरुषों के दिव्य संदेशों को जीवन में उतारने की जरुरत है. राष्ट्र की प्रगति में हर व्यक्ति की भूमिका आवश्यक है. नेहरु युवा केंद्र (कोलकाता नार्थ) के तपन राय व अन्यों ने भी अपने विचार रखेे. संस्था द्वारा आयोजित निबंध प्रतियोगिता गंगा की आत्मकथा के विजेता बच्चों को इस अवसर पर पुरस्कृत किया गया. संस्था के अध्यक्ष जसवंत सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया. अनिल दूबे ने संस्था के भावी उद्देश्यों की जानकारी दी. संचालन मंत्री शैलेंद्र मिश्रा ने किया. भंवरलाल मूंधड़ा भी इस मौके पर उपस्थित थे.