कोलकाता. टैक्स की वसूली की रफ्तार से परेशान कोलकाता नगर निगम ने अब फैसला किया है. वेभर स्कीम के बावजूद लोगों में टैक्स का भुगतान करने का उत्साह नहीं होने से निगम ने मेयर परिषद सदस्यों को रास्ते पर उतारने का फैसला किया है. साथ ही तृणमूल पार्षद अपने इलाके में बकाया टैक्स की वसूली के काम में निगम कर्मियों की मदद करेंगे.
वहीं, मेयर परिषद सदस्य भी वसूली के काम में योगदान करेंगे. गौरतलब है कि बकाया टैक्स 2000 करोड़ से भी आगे निकल चुकी है. तृणमूल बोर्ड कई बार वेभर स्कीम चालू कर चुका है. वर्तमान में भी वेभर स्कीम जारी है, पर इसके बावजूद लोग टैक्स का भुगतान करने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. निगम की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है.
टैक्स की वसूली पर निगम काफी कुछ निर्भर करता है. पर जुर्माने की रकम में 99 प्रतिशत एवं सूद की रकम में 50 प्रतिशत की छूट के एलान के बावजूद लोग टैक्स जमा करने नहीं आ रहे हैं. कोई भी उपाय काम करता नहीं देख अब निगम ने यह फैसला किया है. उधर निगम के इस फैसले पर विपक्ष ने आपत्ति जतायी है. वाम पार्षद चयन भट्टाचार्य का कहना है कि ऐसा करने से केवल तृणमूल के करीबी लोगों का भला होगा. आशंका है कि यह फैसला एक आैर आर्थिक गड़बड़ी को जन्म दे सकता है.