सुनवाई के दौरान कुणाल घाेष के वकील एसके कपूर ने कहा कि उनके मुवक्किल सारधा कंपनी में वेतन पर काम करनेवाले कर्मचारी थे, वह कोई एजेंट नहीं थे और ना ही किसी को सारधा में निवेश करने के लिए प्रेरित नहीं किया. 23 नवंबर 2013 से वह लगभग 630 दिनों से जेल में बंद हैं.
इस मामले में सीबीआइ ने चार्जशीट पेश कर दी है. इनके खिलाफ सिर्फ चीट करने का मामला है और वह हमेशा से ही सीबीआइ जांच में मदद करते आये हैं और आगे भी करते रहेंगे. वह कोलकाता के रहनेवाले हैं, इसलिए उनके फरार होने की संभावना नहीं है. सीबीआइ ने दिसंबर महीने में उनसे पूछताछ की थी और उसके बाद पिछले आठ महीने में कोई पूछताछ नहीं की गयी है. वकील एसके कपूर ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के कुछ आदेशों का हवाला देते हुए उनके मुवक्किल को जमानत देने का आवेदन किया. हालांकि न्यायाधीश ने मामले में कोई फैसला नहीं सुनाया. मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी.