कोलकाता: देश के सभी राज्यों में होनेवाली सड़क दुर्घटनाएं, आत्महत्या सहित अन्य आपराधिक मामलों के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष एक रिपोर्ट जारी की जाती है. किस राज्य में आपराधिक घटनाओं में कितनी वृद्धि हुई या कमी आयी है, इसका आंकड़ा इससे ही प्राप्त होता है. लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने इस संबंध में नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) को यहां होनेवाली आत्महत्या की घटनाओं के संबंध में कोई रिपोर्ट पेश नहीं किया है. एनसीआरबी की साइट पर सभी राज्यों में हुई आत्महत्या की घटनाओं के बारे में जानकारी दी गयी है. आत्महत्या की वजह है, इसकी भी जानकारी अन्य राज्य सरकारों ने दी है, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार के पास तो आत्महत्या की घटनाओं के कारणों का आंकड़ा ही नहीं है.
बंगाल का तीसरा स्थान
आत्महत्या की घटनाओं में बंगाल तीसरे स्थान पर है, लेकिन राज्य पुलिस आत्महत्या के कारणों का पता नहीं लगा पायी है. जिस कारण एनसीआरबी की साइट पर कुल आत्महत्या की घटनाओं की जानकारी है, लेकिन कारण के बारे में कुछ नहीं कहा गया है.
गौरतलब है कि राज्य पुलिस के रिकार्ड ब्यूरो से यह आंकड़ा एनसीआरबी को पेश किया जाता है, लेकिन राज्य की तृणमूल सरकार के कार्यकाल के दौरान पहली बार यहां से कोई रिपोर्ट नहीं पेश की गयी है.
इस संबंध में पूछे जाने के पर राज्य पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिलों से इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट नहीं मिली है, इस कारण एनसीआरबी को रिपोर्ट नहीं सौंपी गयी है. वर्ष 2012 के दौरान कोलकाता में करीब 371 लोगों ने आत्महत्याएं की है, बाकी घटनाएं जिलों में हुई हैं. कोलकाता पुलिस ने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, लेकिन जिलों से आत्महत्या के कारणों के बारे में रिपोर्ट नहीं होने के कारण ऐसा हुआ है.