– भारती जैनानी –
कोलकाता : बदलती जीवन शैली के कारण जहां लोगों में स्ट्रेस बढ़ रहा है, वहीं खान–पान की गलत आदतों के कारण हृदय रोग की समस्या बढ़ रही है. हाइपर टेंशन, उच्च कोलेस्ट्रोल, उच्च ब्लडप्रेशर व हाइ डायबिटीज के कारण प्री मेच्योर हृदय रोगों की संभावना बढ़ जाती है.
विश्व स्तर पर हृदय रोगों के कारण ही सबसे ज्यादा मौतें हो रही हैं. हाल ही के आंकड़ों के अनुसार भारत में 40 से कम उम्र के लोगों में हृदय रोग की संभावना 20 प्रतिशत बढ़ गयी है. इसमें युवाओं की संख्या बढ़ रही है.
वर्ल्ड हार्ट डे पर यह जानकारी कार्डियक कैथेटेराइजेशन लेबोरेटरी के डाइरेक्टर व बी एम बिरला हार्ट रिसर्च सेंटर के सीनियर कन्सलटेंट कार्डियोलोजिस्ट डॉ तरुण कुमार प्रहराज (एमडी, एफएसीसी, यूएसए) ने दी. एक विशेष बातचीत में उन्होंने बताया कि पूरे विश्व में हृदय रोगों के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है. लोगों में बढ़ रहे स्ट्रेस से सिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है. बढ़ रहे तनाव के कारण मधुमेह व हाइपर टेंशन की समस्या बढ़ रही है.
इसी से हृदय रोग का खतरा बढ़ रहा है. डॉ प्रहराज ने जानकारी दी तनावपूर्ण जिंदगी, फास्ट व जंक फूड का सेवन, धूम्रपान, शारीरिक व्यायाम की कमी व मधुमेह के कारण हृदय रोग का खतरा बढ़ रहा है. हृदय रोग से बचने के लिए धूम्रपान व एल्कोहल का सेवन एकदम बंद कर देना चाहिए. एक–दो साल तक धूम्रपान बंद कर देने से इस रोग का 50 प्रतिशत खतरा टल जाता है.
हालांकि यूरोपीयन देशों की अपेक्षा भारत में महिला हृदय रोगियों की संख्या कम है क्योंकि यहां महिलाओं में धूम्रपान की इतनी ज्यादा आदत नहीं है. महिलाओं में मोटापे के कारण इसका खतरा बढ़ रहा है. कई बार देखा गया है कि प्रसव के बाद अधिक घी व मक्खन खाने पर उनका वजन बढ़ जाता है. ओबेसिटी के कारण भी हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है. वजन संतुलित करने के लिए एक्सरसाइज या नियमित वॉकिंग भी एक बेहतर विकल्प है.
हरी सब्जियां व फलों का सेवन फायदेमंद
विश्व हृदय दिवस पर डॉ प्रहराज का संदेश है कि हृदय रोग से बचने के लिए नियमित शारीरिक व्यायाम के साथ फलों व हरी सब्जियों का सेवन अधिक करना चाहिए. जंक या फ्राइड फूड से बचना चाहिए. यह फूड स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है. हाल ही के अध्ययन से यह स्पष्ट हुआ है कि रक्त में होमो स्सिटैन लेवल बढ़ जाने के कारण हृदय रोग का खतरा बढ़ रहा है.
प्राणायाम व मेडिटेशन से लाभ
डब्ल्यूएचओ के अनुसार 2005 में लगभग 17.5 मिलियन लोगों की मौत कार्डियोवसक्युलर बीमारियों के कारण हुई. स्ट्रेस व तनाव से बचने के लिए प्राणायाम व मेडिटेशन बहुत जरूरी है. हृदय रोग, मधुमेह व उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियां उपचार योग्य हैं. इनके प्रति जागरूक होने की जरूरत है. 40 की उम्र के बाद स्वास्थ्य की नियमित जांच करवा लेनी चाहिए. कुछ अच्छी आदतों को जीवन शैली में शामिल कर हृदय रोगों से बचा जा सकता है.