कोलकाता: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में एक ओर जहां पूरे देश में कई समारोह व कार्यक्रम आयोजित किये गये, वहीं बंगाल में राज्य सरकार द्वारा नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में राज्य का कोई मंत्री शामिल नहीं हुए. इसके मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान से ममता […]
कोलकाता: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में एक ओर जहां पूरे देश में कई समारोह व कार्यक्रम आयोजित किये गये, वहीं बंगाल में राज्य सरकार द्वारा नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में राज्य का कोई मंत्री शामिल नहीं हुए.
इसके मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान से ममता बनर्जी के नेतृत्व में चल रही बंगाल सरकार ने अपने को अलग रखने की कोशिश की. हालांकि महानगर में केंद्रीय कार्यालयों द्वारा योग पर कई आयोजन किये गये, लेकिन राज्य सरकार की ओर से केवल नेताजी इंडोर स्टेडियम में ही कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. हालांकि इसमें भी मंत्री की अनुपस्थिति से राज्य सरकार का रवैया साफ हो गया.
हालांकि आरंभ में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने योग दिवस में भागीदारी का संकेत दिया था. रविवार को राज्य सरकार के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग के (आयुष ब्रांच) की ओर से नेताजी इंडोर स्टेडियम में कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था, लेकिन शनिवार से ही कार्यक्रम में मंत्री की उपस्थित को लेकर संशय बना हुआ था, जो रविवार को साफ हो गया. यह कार्यक्रम योग का नहीं होकर, बल्कि एक सेमिनार में तब्दील हो गया.
भाजपा सरकार की ओर से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के बढ़ावे की बात और राज्य सरकार के मुख्य कार्यक्रम को लेकर तृणमूल खेमे के मंत्रियों के रवैये को देखते हुए प्रश्न उठाये जा रहे हैं कि क्या भाजपा सरकार द्वारा योग दिवस को प्रमुखता दिये जाने की वजह से ही तृणमूल सरकार के मंत्रियों ने कार्यक्रम को खास तवज्जो नहीं दी? कथित तौर पर कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में योग दिवस मनाने को कार्यक्रम की जिम्मेदारी युवा व कल्याण विभाग के मंत्री अरूप विश्वास और स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग के (आयुष ब्रांच) के मंत्री आशीष बंद्योपाध्याय को सौंपी थी. इसकी तैयारी भी हुई थी, लेकिन अंत में कार्यक्रम में राज्य सरकार की ओर से विभागीय सचिव राजेश पांडेय उपस्थित थे. वहीं संस्थाओं में रामकृष्ण मिशन, भारत सेवाश्रम संघ, आर्ट ऑफ लिविंग, योगा एसोसिएशन ऑफ वेस्ट बंगाल, ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, दक्षिणोश्वर आद्यापीठ सहित महिला योगाश्रम केंद्र समेत कई विशिष्ट सेवा संस्थाएं और योग केंद्रों के प्रतिनिधि मौजूद थे. सेमिनार के दौरान मौजूद रामकृष्ण मिशन के गिरिशानंद जी महाराज ने कहा कि शुरू से ही बंगाल योग के प्रति जागरूक रहा है और ऐसा समय आ गया है कि पूरे विश्व में योग को तवज्जो दी जा रही है. दक्षिणोश्वर आद्यापीठ के संस्थापक ट्रस्टी ब्रह्मचारी मुराल भाई ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने योग के प्रसार और प्रचार में सबसे अहम भूमिका निभायी है. वर्तमान में योग की ख्याति पूरे विश्व में होने से बंगाल सबसे ज्यादा गर्वित है, क्योंकि योग और बंगाल का रिश्ता वर्षो पुराना है. कार्यक्रम के दौरान हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से योग की विशेषता को भी दर्शाया गया.