कोलकाता. दुनिया भर के बौद्ध समुदाय के लोग सोमवार को महानगर में जमा होंगे, जहां पर बौद्ध भिक्षु कृपासरन महासथवीर की 150 वीं जयंती मनायी जायेगी. कृपासरन महासथवीर ने कोलकाता को केंद्र बना कर पूर्व में बौद्ध धर्म का पुनरुद्धार किया था. कृपासरन महासथवीर चटगांव के रहनेवाले थे, जो 21 वर्ष की आयु में ही भिक्षु बन गये थे. बौद्ध गया जाते समय वह कोलकाता आये थे. यहां के बौद्ध विहार की बदहाल स्थिति व बौद्धों की घटती आबादी को देख कर वह अवाक रह गये थे. सर आशुतोष मुखर्जी और महेंद्र चंद्र नंदी जैसी हस्तियों की सहायता से 123 वर्ष पहले उन्होंने बऊबाजार में बुद्ध धर्मांकुर सभा की स्थापना की थी. कृपारसरन की देखरेख में एक पत्रिका की शुरुआत हुई थी, जो अब भी प्रकाशित हो रही है और जिसे बौद्ध अध्ययन के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. कृपासरन महासथवीर की 150 वीं जयंती के अवसर पर सोमवार को उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए मैगसेसे पुरस्कार विजेता कोरिया के बौद्ध भिक्षु पोम्नयुन सुनीम भी महानगर में उपस्थित रहेंगे. इस अवसर पर डाक विभाग कृपासरन पर एक कवर भी जारी करेगा.
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महानगर के बौद्ध भिक्षु को दुनिया देगी श्रद्धांजलि
कोलकाता. दुनिया भर के बौद्ध समुदाय के लोग सोमवार को महानगर में जमा होंगे, जहां पर बौद्ध भिक्षु कृपासरन महासथवीर की 150 वीं जयंती मनायी जायेगी. कृपासरन महासथवीर ने कोलकाता को केंद्र बना कर पूर्व में बौद्ध धर्म का पुनरुद्धार किया था. कृपासरन महासथवीर चटगांव के रहनेवाले थे, जो 21 वर्ष की आयु में ही […]
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