कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस को कोलकाता नगर निगम पर काबिज हुए तीन वर्ष हो गये हैं, लेकिन इस दौरान तृणमूल बोर्ड ने तारीफ कम बदनामी अधिक हासिल की है. अब यही बोर्ड सांप निकलने के बाद डंडा पिटनेवाली हरकत करने जा रहा है. बगैर किसी योजना व सोच-विचार के महानगर में जहां-तहां हजारों की संख्या में ट्रायडेंट लाइट लगाने का खामियाजा भुगत रहे निगम ने अब स्वयं अपने मुख्यालय को सौर ऊर्जा से जगमगाने का फैसला किया है.
गौरतलब है कि ट्रायडेंट लाइट लगाने के बाद से निगम की बिजली के बिल में 10 गुणा वृद्धि हुई है. पहले जहां बिजली के लिए निगम को प्रत्येक वर्ष 20-22 करोड़ रुपये देने पड़ते थे. अब लाखों की संख्या में ट्रायडेंट लाइट लगाने के बाद यह बढ़ कर 200-220 करोड़ जा पहुंचा है. बिजली के बिल में इतना इजाफा स्वयं निगम के लिए गले की हड्डी बन गयी है.
इस मुसीबत से बचने के लिए निगम प्रशासन ने सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने की योजना बनायी है. इसके लिए पहले शहर के कुछ पार्को में सोलर प्लांट लगाने की योजना बनायी गयी, पर वह योजना फिलहाल कागजातों में ही बंद है. अब निगम प्रशासन ने अपने मुख्यालय को सौर ऊर्जा से जगमगाने का निर्णय लिया है. इस योजना के तहत निगम मुख्यालय की छत पर सोलर पैनल लगाये जायेंगे.
सूत्रों के अनुसार इसके लिए तैयारी भी शुरू हो गयी है. सोलर पैनल लगाने के लिए जगह के चयन का काम चल रहा है. उसके बाद सोलर पैनल लगाने की बारी आयेगी. एक बार यह काम पूरा होने के बाद निगम मुख्यालय को रौशन करने के लिए सीइएससी की बिजली की जरूरत नहीं पड़ेगी. यह काम सौर ऊर्जा से ही पूरा हो जायेगा.