अदालत में पीड़िता का बयान दर्ज होने के बाद पुलिस इस मामले की आगे कार्रवाई करेगी. वहीं अस्पताल सूत्रों के मुताबिक महानगर के एक सरकारी अस्पताल में इस तरह की घटना के बाद से आरजीकर अस्पताल के प्रिंसिपल ने काफी सख्ती बरती है. अस्पताल में पीडब्लूडी विभाग के अंतर्गत जितने भी अस्थायी कर्मचारी काम कर रहे है, उन सभी को सोमवार को प्रिंसिपल ने अपने दफ्तर में बुलाया है. साथ ही पीडब्लूडी विभाग के अधिकारियों को भी बुलाया गया है.
सोमवार को सभी अस्थायी कर्मियों का पूरा ब्योरा दर्ज किया जायेगा और अस्पताल अपने पास इस तरह के काम करने वाले सभी कर्मचारियों की सूचना अपने पास रखेगी. अधिकारियों का कहना है कि पीड़िता के समय पर शिकायत दर्ज करवा देने के कारण समय पर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया जा सका. अगर मामले का खुलासा होने में देर होती तो दोनों का कोई ठोस रिकार्ड अस्पताल प्रबंधन के पास अब तक नहीं था, जिससे उन्हें ढूंढने में पुलिस को मदद मिल सके. पुलिस के मुताबिक दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी की खबर के बाद पीड़िता ने अपने बयान में पुलिस कर्मियों को बताया कि वह एक वर्ष पहले अपेंडिस का ऑपरेशन कराने आरजीकर अस्पताल आयी थी. इसके बाद से यहां का रास्ता उसे पता था.
इसके कारण पति से झगड़े के बाद वह यहां आयी और उसने छोटे मोटे काम कर यहां रहने का फैसला किया था. शुक्रवार रात को कमरे में खाना खिलाने के लिए बुलाने के बाद दोनों ने उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया. अस्पताल में घटी इस तरह की घटना के बाद से अस्पताल में मरीज के परिजनों की सुरक्षा पर अब तक प्रश्न चिन्ह बरकरार है.