मंडली के अध्यक्ष पं. लक्ष्मीकांत तिवारी ने सभी भक्तों सहित अतिथियों का स्वागत किया. शिवशंकर मूंधड़ा व अशेक कुमार अग्रवाल ने आयोजन व्यवस्था की कमान संभाली. संयोजक जसकरण राठी व स्वपन बर्मन ने बताया कि लोगों को अपनी प्राचीन परंपरा के साथ जोड़ने के अलावा इस आयोजन का मकसद सभी को गंगा की स्वच्छता-अविरलता के लिए जागरूक और सचेष्ट करना भी है.
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गंगा महाआरती का भव्य आयोजन
कोलकाता: गंगा दशहरा के पावन अवसर पर सैकड़ों भक्तों ने गंगा मैया की सामूहिक रूप से आरती की. श्री गंगा आरती सेवा के तत्वावधान में परंपरागत रूप से हर साल ही आयोजित होने वाली इस महाआरती के आयोजन ने कोलकाता में बनारस जैसा दृश्य उत्पन्न कर दिया. आरती के महाआयोजन के दौरान लोहा घाट(फूल मार्केट) […]
कोलकाता: गंगा दशहरा के पावन अवसर पर सैकड़ों भक्तों ने गंगा मैया की सामूहिक रूप से आरती की. श्री गंगा आरती सेवा के तत्वावधान में परंपरागत रूप से हर साल ही आयोजित होने वाली इस महाआरती के आयोजन ने कोलकाता में बनारस जैसा दृश्य उत्पन्न कर दिया. आरती के महाआयोजन के दौरान लोहा घाट(फूल मार्केट) का संपूर्ण परिसर भक्ति के रंग से ओत-प्रोत नजर आया है.
गायक कलाकार गिरधर हर्ष तन्नी ने भला ओ जुगतारिणी हे मैया.. भजन में मां गंगा के महत्व का बखूबी चित्रण किया. राज्य की नारी शिशु कल्याण मंत्री डॉ शशि पांजा, विधायक स्मिता बक्सी, पार्षद मीना देवी पुरोहित, पार्षद विजय उपाध्याय, पार्षद सुनीता झंवर, पार्षद इलोरा साहा, प्रभात खबर के स्थानीय संपादक तारकेश्वर मिश्र, राजनेता मृणाल साहा, भोला सोनकर, किशन झंवर सहित अनेकों विशिष्ट लोगों ने आरती के इस आयोजन में हिस्सा लेकर कार्यक्रम को और भव्यता प्रदान की.
आयोजन में हर वर्ग व हर उम्र के लोगों ने हिस्सा लिया. बुजुर्ग जहां इस कार्यक्रम में मार्गदर्शक की भूमिका में दिखे वहीं युवाओं ने भी आयोजन की व्यवस्था में सक्रिय भूमिका का निर्वाह किया. कार्यक्रम में पहुंचकर कुछ मुसलिम महिलाओं ने भी भारत की सांस्कृतिक एकता का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत किया और भारत की विभिन्नता में एकता की विशेषता को दर्शाया. रोशनी से सराबोर घाट पर संगीत के साथ फिजाओं में तैरते भजनों और आरती के बोल वातावरण को एक खास माहौल प्रदान करते रहे.
सह संयोजक कैलाश लखाणी, निशांत बाहेती, नवीन डागा, बाली ओझा, सदस्य गणोश दास ओझा, संजू बर्मन, विक्रम अग्रवाल, डाली मूंधड़ा, सोनाली राठी, निकिता मूंधड़ा सहित अन्य सदस्य आयोजन की सफलता के लिए सक्रिय रहे. विद्वान विप्रजनों के सान्निध्य में 101 जोड़ों ने मनोकामना आरती में हिस्सा लिया और 1100 दीपों से गंगा मैया की आरती की गयी. आरती के इस मनोराम दृश्य से संपूर्ण घाट परिसर तो जगमगा उठा ही साथ ही आरती के साथ नदी की बहती धारा में स्वच्छ गंगा-अविरल गंगा के संकल्प के साथ बहाये गये असंख्य दीपों ने एहसास दिलाया जैसे बच्चों ने अपनी गंगा मैया की साड़ी के कोर में असंख्य ङिालमिलाते तारें टांक दिये हो.
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