कोलकाता: अफगानिस्तान से बंगाली बऊ सुष्मिता बनर्जी के पार्थिव शरीर को यहां वापस लाने के लिए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है. राज्य सरकार की ओर से विदेश मंत्रलय को इस संबंध में पत्र लिखा गया है और उनके शव को यहां लाने की व्यवस्था करने का आवेदन किया गया है.यह जानकारी शनिवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राइटर्स बिल्डिंग में दी.
मौत पर दु:ख प्रकट किया
उन्होंने बताया कि सुष्मिता बनर्जी के परिजनों के यहां आने के बाद से ही राज्य सरकार ने विदेश मंत्रलय से संपर्क साधा था और फिर इस संबंध में राज्य सरकार ने लिखित आवेदन भेजा है. वहीं, सुष्मिता बनर्जी की मौत के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक निंदनीय घटना है, जिसका वह कभी समर्थन नहीं करती हैं. उन्होंने बंगाली बऊ की मौत पर दु:ख प्रकट किया.
शनिवार को सुष्मिता बनर्जी के भाई गोपाल बनर्जी व उनकी पत्नी राइटर्स बिल्डिंग पहुंचे और मुख्यमंत्री कार्यालय में अधिकारियों के साथ बातचीत की. मुख्यमंत्री ने राज्य के मुख्य सचिव को केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंडे व विदेश मंत्रलय से संपर्क साधने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री का आदेश मिलते ही मुख्य सचिव संजय मित्र ने केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंडे से बातचीत की. केंद्रीय गृह मंत्री ने आश्वासन दिया कि इस संबंध में वह स्वयं अफगानिस्तान दूतावास से बातचीत करेंगे.
मुकुल राय से मिले सुष्मिता के भाई
गौरतलब है कि शनिवार की सुबह सुष्मिता बनर्जी के भाई गोपाल बनर्जी सबसे पहले निजाम पैलेस में तृणमूल कांग्रेस सांसद मुकुल राय से मिलने पहुंचे, वहां मुकुल राय ने राइटर्स बिल्डिंग में मुख्यमंत्री के सचिव के साथ संपर्क साधा और गोपाल बनर्जी को राइटर्स में मुख्यमंत्री कार्यालय में जाकर बातचीत करने की सलाह दी. इसके बाद दोपहर 12 बजे गोपाल बनर्जी व उनकी पत्नी देवलीना देवी राइटर्स पहुंचे और मुख्यमंत्री कार्यालय व गृह मंत्रलय के अधिकारियों से बातचीत की. वहीं, जानकारों का मानना है कि सुष्मिता बनर्जी के पार्थिव शरीर को यहां लाने में काफी कानूनी समस्याएं हैं. क्योंकि सुष्मिता बनर्जी ने वहां एक अफगान के साथ शादी की थी, इसलिए उसे वहां का नागरिक का दर्जा भी प्राप्त था. अगर उसके पति जानबाज खान व उसके ससुराल वाले लोग अगर उसका पार्थिव शरीर यहां भेजने के लिए राजी होते हैं, तभी उसका शव यहां ला पाना संभव होगा.