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तीन डॉक्टरों के पंजीकरण को हाइकोर्ट ने किया रद्द

कोलकाता: कलकत्ता हाइकोर्ट ने तीन डॉक्टरों के पंजीकरण को रद्द करने के मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) के निर्देश को बहाल रखते हुए पंजीकरण रद्द करने के फैसले को चुनौती देने वाली इन डॉक्टरों की अपील को भी खारिज कर दिया. कलकत्ता हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लुर व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने […]

कोलकाता: कलकत्ता हाइकोर्ट ने तीन डॉक्टरों के पंजीकरण को रद्द करने के मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) के निर्देश को बहाल रखते हुए पंजीकरण रद्द करने के फैसले को चुनौती देने वाली इन डॉक्टरों की अपील को भी खारिज कर दिया. कलकत्ता हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लुर व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया. इन डॉक्टरों के नाम डॉ जयदीप बसु, डॉ तपन मुखर्जी और डॉ कमल कुमार दास हैं.
एमसीआइ के वकील सौगत भट्टाचार्य ने बताया कि तेघरिया के रहने वाले विमान साहा राय की पत्नी सोमा साहा राय का देहांत 2012 के 17 अक्तूबर को हुआ था. आरोप है कि उनकी इलाज में तीनों डॉक्टरों ने लापरवाही बरती थी. सोमा साहा राय तेघरिया के एक नर्सिग होम में लैप्रोस्कोपिक गाइनो व एक अन्य ऑपरेशन के लिए भरती हुई थी.
2012 के 15 अक्तूबर को उनका ऑपरेशन हुआ था. दो दिन बाद उनकी मौत हो गयी थी. विमान साहा राय ने तीन डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए एमसीआइ के पास 2013 के नौ जनवरी को शिकायत की. एमसीआइ ने राज्य एमसीआइ को 2013 के 30 जनवरी को पत्र देकर इस संबंध में छह महीने के भीतर जांच रिपोर्ट देने के लिए कहा. हालांकि राज्य एमसीआइ ने ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी. इसके बाद एमसीआइ ने तीनों डॉक्टरों को 2014 के मई महीने में एमसीआइ में हाजिर होने के लिए कहा था. लेकिन डॉक्टर एमसीआइ के सामने नहीं पहुंचे. इसके बाद उसी वर्ष जुलाई महीने की 19 तारीख को तीनों डॉक्टरों को फिर से हाजिर होने के लिए कहा गया. इस बार तीनों वहां पहुंचे और कहा कि उनसे कोई लापरवाही नहीं हुई थी.
इसके बाद एमसीआइ ने इंडियन मेडिकल रजिस्ट्रेशन (आइएमआर) को डॉ तपन मुखर्जी को तीन वर्षो के लिए डॉ जयदीप बसु को दो वर्षो के लिए और डॉ कमल कुमार दास को पांच वर्षो के लिए उनके रजिस्ट्रेशन को सस्पेंड कर देने का निर्देश दिया. तीनों डॉक्टरों ने इसके खिलाफ हाइकोर्ट में याचिका दायर की.
न्यायाधीश सौमित्र पाल की अदालत ने इस वर्ष 23 जनवरी को एमसीआइ के फैसले पर स्थगनादेश देने से इनकार कर दिया. साथ ही राज्य एमसीआइ को जांच रिपोर्ट देने के लिए भी निर्देश दिया था. सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती देते हुए तीनों डॉक्टर डिवीजन बेंच पहुंचे. मंगलवार को सुनवाई में अदालत ने राज्य एमसीआइ को जांच रिपोर्ट न देने के लिए तिरस्कृत करते हुए एमसीआइ के रजिस्ट्रेशन निलंबन के फैसले को बहाल रखा. अदालत ने राज्य एमसीआइ को जल्द जांच कर रिपोर्ट देने और मामले की सुनवाई सिंगल बेंच में कराने का भी फैसला सुनाया.

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