कोलकाता: वाणिज्यिक कर के आयुक्त विनोद कुमार ने कहा कि वैट संग्रह में पिछले वर्ष की तुलना में 20.6 फीसदी का इजाफा हुआ है. श्री कुमार बुधवार को एमसीसी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में आयोजित परिचर्चा के दौरान ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि जुलाई, 2013 तक 6400 करोड़ रुपये कर की उगाही हुई है. पिछले वर्ष 21,700 करोड़ रुपये कर की वसूली हुई थी. इंट्री टैक्स के संबंध में श्री कुमार ने कहा कि उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच ने इंट्री कर की वसूली पर रोक नहीं लगायी है.
उन्होंने डीलरों से अपील की कि यदि उन्होंने इंट्री कर का भुगतान नहीं किया है, तो जरूर करें. नहीं भुगतान करनेवालों को नोटिस भेजा गया है. इस मामले में सुनवाई फिर 12 सितंबर को होगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार व वाणिज्यिक कर विभाग कोई जो भी कदम उठाता है, वह व्यवसायियों के हित में होता है. यदि इनमें कोई संशोधन चाहते हैं, तो सरकार व वह इस पर विचार-विमर्श के लिए तैयार हैं. उन्होंने डीलरों से अपील की कि वे खरीदारी व बिक्री का सही हिसाब दाखिल करें, क्योंकि वर्तमान में व्यवस्था ऐसी हो गयी है कि निदेशालय की प्रत्येक खरीद व बिक्री पर नजर होती है. उन्होंने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए ही सरकार ने ई फाइलिंग की व्यवस्था शुरू की है. उन्होंने डीलरों से अनुरोध किया कि वे डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल करें. इससे पेपर वर्क में कमी आयेगी. पहले टैक्स डिफॉल्टर होने पर नोटिस स्पीड पोस्ट व अन्य माध्यम से भेजे जाते थे, लेकिन उसमें शिकायत रहती थी कि नोटिस नहीं मिला. इस कारण निदेशालय ने अब नोटिस इमेल से भेजेगा व एसएमएस से इसकी जानकारी दी जायेगी. इसके लिए जरूरी है कि सभी डीलर अपना इमेल आइडी व मोबाइल नंबर प्रोफाइल में शामिल करें.
टैक्स रिफंड में देरी होने के संबंध में श्री कुमार ने बताया कि सरकार नहीं चाहती है कि टैक्स रिफंड में विलंब हो और न ही सरकार की यह नीति ही है. उन्होंने कहा कि पहले का टैक्स रिफंड में विलंब हो रहा है, लेकिन 09-10 के बाद का टैक्स रिफंड तेजी गति से होगी. सर्वर की खराबी के संबंध में श्री कुमार ने कहा कि नये सर्वर के लिए निविदा की अवधि 10 दिनों के लिए बढ़ा दी गयी है. अगली तिमाही में नया सर्वर काम करने लगेगा. इस अवसर पर चैंबर के अध्यक्ष दीपक जालान ने उद्योग की ओर से वैट रिटर्न, वे बिल्स पर वैट रिफंड आदि के संबंध में समस्या के संबंध में जानकारी दी.