हालांकि टिकट दिला पाने में उसे सफलता नहीं मिल पायी. पुलिस सूत्रों के अनुसार गोपाल तिवारी के निवास स्थान पर छापेमारी की गयी, लेकिन उसका पता नहीं चल पाया है. उसका मोबाइल फोन भी काम नहीं कर रहा है. हो सकता है कि वह दूसरे फोन नंबर का इस्तेमाल कर रहा हो. फिलहाल पुलिस आश्वस्त है कि गोपाल से पूछताछ में गिरीश पार्क कांड को लेकर कई महत्वपूर्ण सुराग मिल सकते हैं.
यही वजह है कि उसकी तलाशी पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है. पुलिस का कहना है कि पूछताछ में पता चला है कि गिरीश पार्क कांड में गिरफ्तार इफ्तिकार आलम सहित चार अन्य आरोपियों का व्यावसायिक संबंध गोपाल तिवारी के साथ था. दूसरी ओर गोपाल के परिजनों का कहना है कि इस मामले में उसे फंसाने की कोशिश की जा रही है.