हावड़ा: बंगाल इंजीनियरिंग एंड साइंस यूनिवर्सिटी (बेसू) के पांच छात्रों को रैगिंग मामले में दोषी पाये जाने पर विश्वविद्यालय और हॉस्टल से एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया है. जबकि इसी मामले में एक अन्य छात्र के यूनिवर्सिटी हॉस्टल में रहने पर एक साल की पाबंदी लगा दी गयी है. रैगिंग के दोषी सभी छात्र मेटालर्जी (धातु विज्ञान) विभाग के हैं. उन्होंने 22 अगस्त को इसी विभाग के प्रथम वर्ष के छात्र के साथ रैगिंग की थी.
बेसू के उपकुलपति अजय कुमार राय ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मेटालर्जी विभाग के प्रथम वर्ष के छात्र के साथ रैगिंग की घटना की जांच के लिए प्रोफेसर आदित्य बंधोपाध्याय के नेतृत्व में पांच सदस्यीय कमेटी गठित की गयी थी. कमेटी ने सोमवार रात यूनिवर्सिटी प्रबंधन को रिपोर्ट सौंपी. रैंगिग मामले में पांच छात्र सीधे तौर पर दोषी पाये गये, जबकि एक अन्य छात्र अप्रत्यक्ष रूप से दोषी पाया गया.
राय ने कहा कि पांच छात्र एक साल तक क्लास नहीं कर सकेंगे, जबकि छठे छात्र को क्लास करने की अनुमति दी गयी है, लेकिन उस छात्र के एक वर्ष तक यूनिवर्सिटी हॉस्टल में रहने पर रोक लगायी गयी है.
क्या है मामला
22 अगस्त की देर शाम मेटालर्जी विभाग के सात नंबर हॉस्टल में रहनेवाले द्वितीय वर्ष के छात्रों ने प्रथम वर्ष के एक छात्र अपने हॉस्टल में बुलाया. सीनियर छात्रों ने उससे कुछ सवाल पूछे. जवाब नहीं दे पाने पर प्रथम वर्ष के छात्र के साथ रैगिंग की गयी. जानकारी के अनुसार, द्वितीय वर्ष के छात्रों ने प्रथम वर्ष के छात्र को अपनी नाक दीवार पर रगड़ने को कहा व उसके साथ गाली-गलौज की. उसके बाद छात्रों ने उसे अपने हॉस्टल में जाने को कहा. हॉस्टल जाने के दौरान बेसू प्रबंधन की नजर पीड़ित छात्र पर पड़ी. पीड़ित छात्र से पूछताछ शुरू की गयी. घटना की जानकारी उपकुलपति अजय कुमार राय को दी गयी. मामले की तफ्तीश का जिम्मा एंटी रैगिंग सेल को दिया गया. जिसके बाद जांच में आरोप सही पाया गया.