कोलकाता. ईसाई संगठन बंगीय क्रिस्टिया परिसेवा (बीसीपी) ने आरोप लगाया है कि राणाघाट कांड कोई मामूली डकैती व लूट की घटना नहीं है, बल्कि यह डकैती की आड़ में एक धार्मिक हमला था. बंगीय क्रिस्टिया परिसेवा के कार्यकारी अध्यक्ष हिरोद मलिक के नेतृत्व में संगठन के चार सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल ने घटनास्थल का दौरा किया एवं स्कूल की प्रिंसिपल से बात की. श्री मलिक ने कहा कि इस घटना का मकसद ईसाइयों को भयभीत करना और अन्य लोगों को इस प्रकार की घटना करवाने के लिए उकसाना है. श्री मलिक ने कहा कि कुछ महीनों से देश भर में ईसाइयों एवं गिरजाघरों पर हमले बढ़ गये हैं. हमें अलग-अलग तरीके से भयभीत करने का प्रयास किया जा रहा है. श्री मलिक ने कहा कि अगर अपराधियों का मकसद लूटपाट करना था, तो वे लूट के बाद फौरन फरार क्यों नहीं हुए और लगभग साढ़े तीन घंटे तक वहां मजे से घूमते रहे. साथ ही डकैतों ने एक 71 वर्षीय वृद्धा के साथ दुष्कर्म क्यों किया. यह कुछ ऐसे सवाल हैं, जो संदेह उत्पन्न करा रहे हैं. श्री मलिक ने कहा कि इस घटना के खिलाफ 18 मार्च अर्थात बुधवार को महानगर में एक विरोध रैली का आयोजन किया जायेगा, जिसमें सभी धर्म व गिरजाघरों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
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डकैती की आड़ में धार्मिक हमला था राणाघाट कांड:ईसाई संगठन
कोलकाता. ईसाई संगठन बंगीय क्रिस्टिया परिसेवा (बीसीपी) ने आरोप लगाया है कि राणाघाट कांड कोई मामूली डकैती व लूट की घटना नहीं है, बल्कि यह डकैती की आड़ में एक धार्मिक हमला था. बंगीय क्रिस्टिया परिसेवा के कार्यकारी अध्यक्ष हिरोद मलिक के नेतृत्व में संगठन के चार सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल ने घटनास्थल का दौरा किया […]
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