कोलकाता. पुरुषों के अधिकार एवं धारा 498 ए के गलत इस्तेमाल के खिलाफ लड़ रही स्वयंसेवी संस्था हृदया ने नगालैंड घटना की तीव्र निंदा की है. कानून का सर शर्म से झुका देनेवाली इस घटना के खिलाफ रविवार को महानगर में हृदया की ओर से एक मोमबत्ती रैली निकाली गयी. संस्था के संयोजक अमित गुप्ता ने कहा कि कानून को इस तरह हाथ में लेना शर्मनाक है. ऐसा लगता है कि लोगों का कानून व्यवस्था के ऊपर से विश्वास उठता जा रहा है. श्री गुप्ता ने कहा कि किसी भी सभ्य समाज को यह शोभा नहीं देता है कि वह दुष्कर्म की इस तरह घटनाओं के आरोपियों को स्वयं सजा देने निकल जाये. अगर कल को वह मामला गलत साबित होता है, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा. उन्होंने बताया कि भारत में प्रत्येक वर्ष दुष्कर्म के लगभग 33 हजार मामले दायर होते हैं, जिनमें से केवल 25 प्रतिशत मामलों में ही आरोपियों को सजा मिलती है. इससे साफ पता चलता है कि दुष्कर्म के अधिकतर मामले गलत होते हैं. नगालैंड की घटना इसका गवाह है. गौरतलब है कि नगालैंड की राजधानी दीमापुर में सैकड़ों लोगों ने सेंट्रल जेल पर हमला कर दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार एक व्यक्ति को बाहर निकाला और पीट-पीट कर उसकी जान ले ली. बाद में यह पता चला कि उस पर लगाया गया दुष्कर्म का मामला गलत था और केवल पैसों के लिए उस पर आरोप लगाया गया था.
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नगालैंड घटना के खिलाफ मोमबत्ती रैली
कोलकाता. पुरुषों के अधिकार एवं धारा 498 ए के गलत इस्तेमाल के खिलाफ लड़ रही स्वयंसेवी संस्था हृदया ने नगालैंड घटना की तीव्र निंदा की है. कानून का सर शर्म से झुका देनेवाली इस घटना के खिलाफ रविवार को महानगर में हृदया की ओर से एक मोमबत्ती रैली निकाली गयी. संस्था के संयोजक अमित गुप्ता […]
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