कोलकाता: कोलकाता नगर निगम का चुनाव होने में अभी एक महीने से अधिक का समय बाकी है. चुनाव सरगर्मियां शुरू हो चुकी हैं. तृणमूल कांग्रेस के अलावा किसी भी दल ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की है. तृणमूल को निगम से बेदखल करने का दावा करने वाली भाजपा भी इस मामले में तृणमूल से काफी पिछड़ गयी है, पार्टी नेतृत्व द्वारा उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं किये जाने के बावजूद नेताओं व कार्यकर्ताओं ने जनता के साथ नजदीकी बढ़ाना शुरू कर दी है.
नेता अपने-अपने इलाके में अपनी छवि को सुधारने में लग गये हैं. कल तक जो नेता व पार्टी कार्यकर्ता आम लोगों को मुंह नहीं लगाते थे, वे लोगों को गले लगा रहे हैं. लोगों से नजदीकी बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया का जम कर सहारा लिया जा रहा है. तृणमूल ने भले ही अपने उम्मीदवारों के नामों का एलान कर अन्य दलों पर बढ़ता बना ली है, पर कई वार्डो में पार्टी कार्यकर्ता व नेता नेतृत्व के फैसले से खुश नहीं हैं. तृणमूल के कार्यकर्ता अपने ही उम्मीदवार को हटाने के लिए पार्टी नेतृत्व से गुहार लगा रहे हैं.
एक नंबर वार्ड हो या फिर 23 नंबर वार्ड या फिर 46 नंबर या फिर पोर्ट इलाका, सभी जगह तृणमूल को बगावत का सामना करना पड़ रहा है. माकपा ने ब्रिगेड में सभा कर निगम चुनाव की अपनी तैयारी का प्रदर्शन कर दिया है. पर स्वयं को राज्य की राजनीति का भावी वारिस बता रही भाजपा के कार्यकर्ताओं को यह समझ नहीं आ रहा है कि नेतृत्व उम्मीदवारों के नामों की घोषणा क्यों नहीं कर रहा है. सूत्रों के अनुसार भाजपा तृणमूल के कुछ हेविवेट बागी नेताओं के इंतजार में है. तृणमूल का टिकट न मिलने से नाराज लोगों को भाजपा कमल के निशान पर चुनाव लड़वाने की सोच रही है. तीन-तीन पार्षदों के लगातार तृणमूल में शामिल हो जाने से निगम में कांग्रेस का वजूद लगभग खत्म हो गया है, पर अपना खोया हुआ जनाधार तलाशने और यह साबित करने के लिए जनता के बीच अभी भी कांग्रेस का आकर्षण खत्म नहीं हुआ है.