गिरोह के सभी सदस्य दक्षिण 24 परगना के महेशतल्ला के रहनेवाले हैं. मामले पर विशेष अतिरिक्त व संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) पल्लव कांति घोष ने बताया कि मेट्रो स्टेशनों में सफर के दौरान यात्रियों के पास से मोबाइल चोरी की घटनाएं बढ़ गयी थीं. इस तरह की शिकायतें अधिकतर स्टेशनों में आ रही थीं. इसकी रोकथाम के लिए लालबाजार के वॉच सेक्शन की टीम को कुछ दिन तक मेट्रो के अंदर तैनात किया गया. दो सप्ताह तक मेट्रो के विभिन्न स्टेशनों में निगरानी करने के दौरान पुलिस कर्मियों को एक गैंग पर शक हुआ. छह सदस्यों के इस गैंग में तीन-तीन सदस्य आपस में दो भागों में विभक्त होकर वारदात को अंजाम देते थे.
इसमें से एक गैंग ट्रेन की पहली बोगी में सवार होता था और दूसरा गैंग अंतिम बोगी में चढ़ता था. टॉलीगंज से पार्क स्ट्रीट तक मूलत: यह गैंग कीमती मोबाइल वाले यात्रियों को अपना शिकार बनाते थे. पहली बार इस गिरोह का पीछा करने के दौरान वारदात को अंजाम देकर ये पुलिस को चकमा देकर भागने में कामयाब हो गये. जिसके बाद पुलिस ने जाल बिछाया और उनकी भी दो टीम बनायी गयी और दो भागों में बंट कर इस गैंग को परखा गया और टॉलीगंज स्टेशन में एक यात्री के जेब से मोबाइल निकालने के दौरान उसे रंगेहाथों दबोच लिया गया. इसके बाद उसे साथ लेकर दूसरी टीम को भी पकड़ लिया गया. इसके बाद गिरोह के अन्य सदस्यों से पूछताछ कर आठ मोबाइल जब्त किया गया.