रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑस्टिन फ्यूचर्स की तरफ से इस सौदे की जानकारी सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) को नहीं दी गयी थी. बिना जानकारी के इस धंधे के कारण करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. लिहाजा इसी जानकारी के सामने आने के बाद इडी ने केडी सिंह से पूछताछ की तैयारी की है. सांसद से मिले जवाब व कागजात की जांच के बाद इडी के अधिकारी इस मामले की विस्तृत तहकीकात करेंगे.
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तृणमूल सांसद केडी सिंह से 30 मिलियन डॉलर के धोखाधड़ी मामले में होगी पूछताछ
कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस सांसद केडी सिंह की परेशानी बढ़ती नजर आ रही है. प्रवर्तन निदेशालय (इडी) 30 मिलियन डॉलर (180 करोड़ रुपये) के धोखाधड़ी मामले में राज्यसभा सदस्य कंवरदीप सिंह उर्फ केडी सिंह से पूछताछ करना चाहता है. सांसद को पूछताछ के लिए बुलाने को लेकर जांच एजेंसी के दिल्ली स्थित दफ्तर में बैठकों का […]
कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस सांसद केडी सिंह की परेशानी बढ़ती नजर आ रही है. प्रवर्तन निदेशालय (इडी) 30 मिलियन डॉलर (180 करोड़ रुपये) के धोखाधड़ी मामले में राज्यसभा सदस्य कंवरदीप सिंह उर्फ केडी सिंह से पूछताछ करना चाहता है. सांसद को पूछताछ के लिए बुलाने को लेकर जांच एजेंसी के दिल्ली स्थित दफ्तर में बैठकों का दौर चल रहा है.
इडी सूत्रों के मुताबिक, फिनांशियल इंटेलिजेंस यूनिट की तरफ से हाल में प्रवर्तन निदेशालय को एक रिपोर्ट मिली है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑस्टिन फ्यूचर्स के माध्यम से चीन की एक कंपनी ने 30 मिलियन डॉलर का इंश्योरेंस लिंक खरीदा था. जिस संस्था के जरिये पूरी खरीद-बिक्री की गयी थी वह संस्था राज्यसभा सदस्य केडी सिंह की है.
बढ़ सकती है तृणमूल कांग्रेस की परेशानी
गौरतलब है कि करोड़ों रुपये के सारधा चिटफंड घोटाले में राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं व मंत्रियों का नाम सामने आने के बाद राज्य सरकार की परेशानी बढ़ी हुई है. तृणमूल से निलंबित सांसद कुणाल घोष के साथ राज्य के परिवहन मंत्री मदन मित्र जेल में हैं. पूर्व सांसद संृजय बोस के अलावा तृणमूल के वरिष्ठ नेता व पूर्व रेल मंत्री मुकुल राय फिलहाल जांच के घेरे में हैं. ऐसी स्थिति में अब केडी सिंह का अन्य मामले में नाम सामने आने के बाद से तृणमूल की परेशानी और बढ़ने की संभावना है. अगर राजनीतिक विश्लेषकों की बात मानें तो सारधा मामले की जांच शुरू होने के बाद आर्थिक संकट में फंसे तृणमूल कांग्रेस को केडी सिंह ने बड़ा संबल प्रदान कर रखा था. अगर इस आर्थिक अपराध की पुष्टि हो गयी तो न केवल केडी सिंह की कंपनी अलकेमिस्ट का भविष्य प्रभावित होगा, बल्कि साथ ही तृणमूल कांग्रेस के झारखंड, बिहार और बंगाल में विस्तार की योजनाएं भी प्रभावित हो सकती हैं.
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