कोलकाता: एसएसकेएम (पीजी) अस्पताल में कार्यरत एक नर्स को शिकायत करना महंगा पड़ गया. अस्पताल के एक अधिकारी के वाहन के धक्के से घायल एक नर्स ने जब प्रबंधन से शिकायत की, तो सुनवाई के बजाये उसके तबादले का फरमान आ गया. इसकी खबर मिलते ही नर्सेस यूनिटी ने विरोध प्रदर्शन किया. नर्सिग कॉलेज के प्रिंसिपल का घेराव कर ज्ञापन भी सौंपा. साथ ही यूनिटी ने प्रबंधन को धमकी दी कि अगर उक्त नर्स के तबादले को रोका नहीं जाता है, तो इसे लेकर बड़ा आंदोलन किया जायेगा.
क्या है मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 24 जुलाई को अस्पताल परिसर में निकू यूनिट के विभागाध्यक्ष डॉ एस सरदार के वाहन के धक्के से नर्सेस यूनिटी की सह सचिव भास्वती मुखर्जी चोटिल हो गयी थीं. इलाज के दौरान अस्पताल के चिकित्सकों ने श्रीमती मुखर्जी को तीन दिनों तक आराम करने की सलाह दी. इस बीच इस संबंध में 25 जुलाई को नर्सेस यूनिटी ने निकू के विभागाध्यक्ष डॉ सरदार व अस्पताल अधीक्षक तमाल कांति घोष को ज्ञापन सौंपा.
तीन दिनों बाद जब श्रीमती मुखर्जी काम पर लौटीं, तो वह इस घटना की दोबारा शिकायत करने विभागाध्यक्ष के पास पहुंचीं. आरोप है कि इस दौरान डॉक्टर ने अपने गाड़ी चालक के सामने पीड़िता पर चीखना शुरू कर दिया और चालक को समझाने के बजाय श्रीमती मुखर्जी से उलझ पड़े. इसके बाद आज अचानक श्रीमती मुखर्जी को तबादले का आदेश थमा दिया गया. श्रीमती मुखर्जी का तबादला नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज में कर दिया गया है.
विरोध में सामने आयीं नर्से
इधर, इसकी खबर मिलते ही आज पीजी की नर्सो में आक्रोश फैल गया. शुक्रवार को नर्सेस यूनिटी की ओर से नर्सिग कॉलेज की प्रिंसिपल को ज्ञापन सौंपा गया. इसकी खबर मिलते ही मौके पर पहुंचे अस्पताल अधीक्षक तमाल कांति घोष के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ. फिलहाल श्रीमती मुखर्जी के तबादले को कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है. अधीक्षक ने बताया कि मामले की जांच चल रही है. स्वास्थ्य भवन की ओर से इस संबंध में फैसला लिया जायेगा.