-फरजी दस्तावेज जमा करने के आरोप में नौकरी से किया गया था बर्खास्तकोलकाता. राज्य सरकार ने फरजी दस्तावेज जमा करने का आरोप लगाते हुए बर्दवान जिले के 1000 शिक्षकों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था. राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ शिक्षकों ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट के न्यायाधीश तपब्रत चक्रवर्ती ने बर्दवान प्राइमरी काउंसिल के अधिकारियों को इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. क्या है मामला : बर्दवान जिले के रहनेवाले अनूप कुमार घाटा की सात अप्रैल 2003 को शिक्षक के रूप में नियुक्ति हुई थी, लेकिन 2007 में तत्कालीन सरकार ने अनूप कुमार घाटा सहित अन्य शिक्षकों ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. इनका कहना है कि इन लोगों ने फरजी सर्टिफिकेट जमा नहीं किये थे. उन लोगों ने वैध संस्थानों से प्राथमिक शिक्षक की बेसिक ट्रेनिंग ली थी. इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने तत्कालीन बर्दवान प्राथमिक काउंसिल के अधिकारियों को खरी-खोटी सुनायी. मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार पक्ष के वकील इदरीश अली व देवव्रत चटर्जी ने कहा कि जब शिक्षकों को नौकरी से बर्खास्त किया गया था, उस समय वाम मोरचा की सरकार थी. वर्तमान राज्य सरकार ने ऐसा कदम नहीं उठाया है. हालांकि उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों द्वारा जमा किये गये दस्तावेजों की जांच कर रही है और अगले सप्ताह तक इस संबंध में रिपोर्ट पेश करेगी. इस संबंध में हाइकोर्ट ने बर्दवान प्राथमिक काउंसिल के अधिकारियों को पूरी रिपोर्ट पेश करने को कहा है, साथ ही शिक्षकों ने जहां से प्रशिक्षण लिया था, उन संस्थानों के बारे में भी पूरी जानकारी देने को कहा है.
BREAKING NEWS
Advertisement
नौकरी से बर्खास्त शिक्षक पहुंचे हाइकोर्ट
-फरजी दस्तावेज जमा करने के आरोप में नौकरी से किया गया था बर्खास्तकोलकाता. राज्य सरकार ने फरजी दस्तावेज जमा करने का आरोप लगाते हुए बर्दवान जिले के 1000 शिक्षकों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था. राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ शिक्षकों ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई करते […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement