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कांस्टेबल को अपने ही थाने में नहीं मिला इंसाफ
कोलकाता: एक पुलिसकर्मी को अपनी तैनाती वाले थाने से ही इंसाफ नहीं मिल रहा है. रात में गश्ती के दौरान एक बदमाश ने बड़तल्ला थाने में कांस्टेबल के पद पर तैनात बरमेश्वर सिंह (59) को बुरी तरह पीट दिया. उनके पैर में गंभीर चोटें आयीं. लेकिन थाने में उनकी शिकायत को प्राथमिकी के रूप में […]
कोलकाता: एक पुलिसकर्मी को अपनी तैनाती वाले थाने से ही इंसाफ नहीं मिल रहा है. रात में गश्ती के दौरान एक बदमाश ने बड़तल्ला थाने में कांस्टेबल के पद पर तैनात बरमेश्वर सिंह (59) को बुरी तरह पीट दिया. उनके पैर में गंभीर चोटें आयीं. लेकिन थाने में उनकी शिकायत को प्राथमिकी के रूप में दर्ज नहीं किया गया. यही नहीं, बदमाश को थाने से ही छोड़ दिया गया. अब बरमेश्वर सिंह ने पुलिस उपायुक्त (उत्तर) को पत्र लिख कर इंसाफ की गुहार लगायी है.
क्या है मामला: बड़तल्ला इलाके के नीलमणि मित्र स्ट्रीट में साइकिल पेट्रोलिंग के दौरान 21 जनवरी को इलाके में संदिगध हालत में घूम रहे एक युवक से उसके घर का पता पूछने पर गुस्से में आकर युवक ने कांस्टेबल बरमेश्वर सिंह की पिटाई कर दी. इससे उनके दाहिने पैर की हड्डी खिसक गयी. पीड़ित कांस्टेबल का आरोप है कि इस स्थिति में आसपास के लोगों की मदद से अपनी जान पर खेल कर वह रमेश दास नाम के आरोपी को पकड़ कर थाने लाये और ऑन ड्यूटी में सरकारी कर्मचारी को काम में बाधा देने, वर्दी फाड़ देने और मारपीट कर पैर की हड्डी तोड़ देने के आरोप में उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज करना चाहा. पूरी घटना सुनने के बाद ड्यूटी ऑफिसर एस रायचौधरी ने थाने के ओसी से विचार-विमर्श किया. अगले दिन ओसी के कहने पर एक पेटी केस देकर रमेश दास को छोड़ दिया गया.
इलाज के लिए थाने से न गाड़ी मिली और न ही मिला किसी का साथ: पीड़ित बरमेश्वर सिंह का आरोप है कि घायल हालत में उसे आरजी कर अस्पताल में मेडिकल करा कर थाने लाकर बिठा दिया गया. पैर की हड्डी टूटी होने के कारण इलाज के लिए उसे पुलिस अस्पताल में भेजा गया था, लेकिन वहां ले जाने के लिए न ही उसे थाने से सरकारी गाड़ी मिली और न ही इलाज के लिए कोई अन्य पुलिस कर्मचारी उसके साथ अस्पताल जाने वाला मिला. जख्मी हालत में खुद के खर्च पर टैक्सी में पुलिस अस्पताल पहुंचे. दस दिन तक अस्पताल में भरती रहे. बड़तल्ला थाने से कोई पुलिस अधिकारी खोज-खबर लेने नहीं आया.
एफआइआर दर्ज करने की मांग पर डीसी को भेजा पत्र: पीड़ित कांस्टेबल बरमेश्वर सिंह का आरोप है कि घटना के दस दिन से ज्यादा बीत जाने के बावजूद पुलिस उस बदमाश के खिलाफ उनकी शिकायत को एफआइआर के रूप में दर्ज नहीं कर रही है. सिर्फ एक जनरल डायरी दर्ज कर आरोपी को पेटी केस देकर थाने से रिहा कर दिया गया. थाने के ओसी की लापरवाही के बाद अब उन्होंने आरोपी बदमाश के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की मांग पर डीसी (नॉर्थ) वास्तव वैद्य के पास पत्र भेजा है.
क्या कहते हैं वरिष्ठ अधिकारी: पूरे मामले की जानकारी देकर इस मामले पर डीसी (नॉर्थ) वास्तव वैद्य से पूछने पर उन्होंने पूरे मामले को ध्यान से सुना, लेकिन इस घटना से संबंधित कोई भी जवाब देने से इनकार कर दिया.
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