25.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

10 वर्ष की सजा के बाद निर्दोष साबित

कोलकाता: हत्या के मामले में 10 वर्षो से उम्रकैद की सजा काट रहे तीन व्यक्ति निदरेष साबित हुए. कलकत्ता हाइकोर्ट में न्यायाधीश निषिथा म्हात्रे व न्यायाधीश समाप्ति चटर्जी की खंडपीठ पर मामले की सुनवाई हुई, जिसमें मामले के आरोपियों पर लगाया गया आरोप गलत साबित हुआ और 10 वर्ष बाद हाइकोर्ट ने उनको निदरेष करार […]

कोलकाता: हत्या के मामले में 10 वर्षो से उम्रकैद की सजा काट रहे तीन व्यक्ति निदरेष साबित हुए. कलकत्ता हाइकोर्ट में न्यायाधीश निषिथा म्हात्रे व न्यायाधीश समाप्ति चटर्जी की खंडपीठ पर मामले की सुनवाई हुई, जिसमें मामले के आरोपियों पर लगाया गया आरोप गलत साबित हुआ और 10 वर्ष बाद हाइकोर्ट ने उनको निदरेष करार दिया.

मामले के वकील सुबीर देवनाथ ने बताया कि नदिया जिले के तेहट्ट के रहनेवाले दिलीप तरफदार, महितोष मंडल व मनोज मंडल को कृष्णानगर कोर्ट ने 2005 में हत्या मामले में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. तीनों के खिलाफ 2002 में नदिया जिले के तेहट्ट थाना क्षेत्र के साहेबनगर गांव में सुखदेव नामक एक व्यक्ति की हत्या का मामला था. पुलिस ने तीनों के खिलाफ चाजर्शीट पेश की थी, जिसके आधार पर कृष्णानगर कोर्ट ने 2005 में उनको दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी. 2006 में तीनों ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाइकोर्ट में याचिका दायर की.

मामले की सुनवाई के दौरान वकील सुबीर देवनाथ ने बताया कि इस मामले का मुख्य आरोपी दिलीप मंडल है, लेकिन पुलिस ने दिलीप तरफदार को गिरफ्तार किया था. पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, सुखदेव को सीने में गोली लगी थी और गोली सीने से पार करते हुए पीठ के रास्ते बाहर निकल गयी थी, लेकिन सुखदेव के शरीर में किसी प्रकार का छिद्र देखने को नहीं मिला. इसके अलावा पुलिस ने बलराम घोष नामक एक व्यक्ति को मामले का गवाह बनाया था, लेकिन वह गवाही देने आया ही नहीं. उनकी दलीलों को सुनने के बाद हाइकोर्ट ने तीनों आरोपियों को निदरेष करार दिया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें